जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।     

राजस्थान के 2023 के विधानसभा चुनावों में अब तक के सबसे उथल पुथल मचाने वाले घटनाक्रम में कट्टर हिन्दू छवि वाली सिंधी समुदाय की साध्वी अनादि ने आज कांग्रेस सदस्यता ग्रहण कर ली। इस मौके पर राज्य के CM अशोक गहलोत, प्रभारी रंधावा, PCC चीफ डोटासरा और वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश मौजूद रहे। 

गहलोत ने साध्वी अनादि के कांग्रेस में आने को भाजपा की हिन्दू राजनीति का अंत बताया और अपनी सरकार के गौशालाओं और मंदिर जीर्णोद्वार के काम गिनाए। गहलोत ने इस घटना को महत्वपूर्ण बताया।  

साध्वी अनादि ने कांग्रेस नेतृत्व और CM गहलोत को धन्यवाद देते हुए कहा कि भाजप अपने किए वादों को पूरा करने में विफल रही है। हिन्दू धर्म में कर्म प्रधान होता है और काम बोलता है जो की गहलोत सरकार ने किया है। 

अब तक अजमेर उत्तर से भाजप का टिकट मांग रही साध्वी अनादि सरस्वती के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा से ना केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में अचरज व्यक्त किया जा रहा है। हाल ही में साध्वी ने खुद को शहीद हेमू कालाणी का वंशज बताते हुए यूपी CM आदित्यनाथ को अपना आदर्श बताया था।  जब भाजपा ने उनको संघनिष्ठ वासुदेव देवनानी की जगह टिकट देने में रूचि नहीं दिखाई तो साध्वी ने अपने सूत्रों के जरिए कांग्रेस से संपर्क साधा। अब कट्टर हिन्दू छवि वाली साध्वी अनादि की बात CM गहलोत और प्रभारी रंधावा तक किसने पहुंचे यह अभी तक स्पष्ट नहीं है।


यह चर्चा चलते ही अजमेर कांग्रेस में हड़कंप मच गया।  निवर्तमान DCC ने आज अपनी आपात बैठक बुलाई है जिसमें साध्वी तो टिकट देने पर सामूहिक स्तीफ़ों की खबर सामने आ रही है। वहीं अजमेर स्थित मुस्लिम संगठनों ने भी अपना विरोध प्रकट करना शुरू कर दिया।  कांग्रेस आलाकमान के पास एक चिट्ठी भी पहुंचा दी गई जिसमें ऐसे कदम उठाने पर मुसलमानों की नाराजगी की बात कही गई।    

अब सवाल यह है कि साध्वी को टिकट देने के बाद कांग्रेस अभी हो राजे राज्यों में चुनाव जीते या हारे लेकिन क्या वो 2024 में INDIA एलायंस को एक रख पाएगी ? या यह उसके एक बड़े प्लान का हिस्सा है जिसमें वो भाजपा को 2024 में हिंदुत्व को छोड़कर अडानी, अंबानी, GST, राफेल, विकास, महंगाई, रुपये की गिरती साख और चीन के अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर घेर सके?

पर ऐसा करने और इसमें चुनावी सफलता मिलने तक कौन कौन उसके साथ रहेगा ? क्या कांग्रेस नेतृत्व ने केवल एक सिंधी बाहुल्य सीट को जीतने या एक प्रदेश में हवा बनाने के लिए अपना बड़ा INDIA एलाइंस का सपना छोड़ दिया है और अब वो 'एकला चालो रे' की नीति अपनाते हुए 'या तो सब कुछ चाहिए या कुछ भी नहीं' गुनगुनाएगी ?