जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

प्रदेश में स्टार प्रचारक  भाजपा का प्रचार  केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को भाजपा के चुनावी मीडिया सेंटर पर मीडिया को सम्बोधित किया। इस मौके पर उन्होने कहा कि भाजपा के मुख्य रूप से तीन उद्देश्य हैं। इसमें राष्ट्रवाद जो कि हमारी आत्मा है। राष्ट्र सर्वोपरी यही भाव पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है। दूसरा सुशासन और विकास और तीसरा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक और सामाजिक चिंतन से अत्योंदय तक जो कि सामाजिक आर्थिक दृष्टि से पिछड़े हुए इनके पास रहने के लिए मकान व कपड़ा नहीं है। उस दरिद्र को नारायण मानकर निरंतर सेवा करते रहना।

गडकरी की प्रेस वार्ता रोजाना होने वाली भाजपा की प्रेस वार्ताओं से इस मायने में अलग थी कि नितिन गडकरी ने कांग्रेस को कोसने में समय खराब ना करते हुए केंद्र सरकार के काम गिनाए और भाजपा के विज़न पर बात की। 

लोकतंत्र में जब हम सत्ता में रहते हैं। गुड गवर्नेंस के द्वारा इन उद्देश्यों को पूरा करना और विपक्ष में रहेंगे तो लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका में अपना काम करना यही हमारा उद्देश्य है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी इसी उद्देश्य को पूरा रखकर उनके नेतृत्व में सरकार में काम किया और 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी पार्टी को बहुत अच्छी मेजोरिटी मिली। इसी उद्देश्य के साथ हम काम कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजस्थान में हम 41 हजार करोड़ की लागत से तीन ग्रीन फील्ड हाईवे बना रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजस्थान में हम 41 हजार करोड़ की लागत से तीन ग्रीन फील्ड हाईवे बना रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- राजस्थान में हम 41 हजार करोड़ की लागत से तीन ग्रीन फील्ड हाईवे बना रहे हैं। दिल्ली जयपुर हाईवे पर भी काम चल रहा है। जो कि दिसंबर जनवरी तक पूरा हो जाएगा। अमृतसर जामनगर एक्सप्रेस-वे का काम भी चल रहा है। जो देश की तीन रिफाइनरी को जोड़ रहा है। अंबाला-कोटपूतली हाइवे, जयपुर-दिल्ली इलेक्ट्रिक हाइवे, जिसमें पांच बसों को जोड़कर चलाया जाएगा। महज दो घंटे में जयपुर से दिल्ली की दूरी तय की जा सकेगी। इसका किराया भी डीजल बस से काफी कम होगा। इस हाइवे निर्माण में वन्य जीव क्रॉसिंग के लिए ऐतिहासिक काम किया गया है। देश में पहली बार राजस्थान में 217 अंडरपास और सात आरओबी बनाए गए हैं। राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व और मुकुंदरा हिल्स सहित रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में ईको सेंसेटिव सुरंगे बनाई गई हैं। जो भारत में पहली बन रही है।