कोटा ब्यूरो रिपोर्ट। 

कोटा उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी और मंत्री शांति धारीवाल ने सोमवार को नामांकन भरने के बाद टिकट मिलने में देरी का कारण बताया। कहा- मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता था। मैंने अपने बेटे अमित धारीवाल के लिए हाईकमान के सामने टिकट की मांग रखी थी। मेरे साथ 12 और MLA अपने बेटे-बेटियों के लिए टिकट मांग रहे थे। सबको हाईकमान ने मना कर दिया।

सर्किट हाउस में अपने समर्थकों से धारीवाल ने कहा- हाईकमान ने गुड़ामालानी से मंत्री हेमाराम चौधरी की बेटी को टिकट दिया न ही दीपेंद्र सिंह शेखावत (श्रीमाधोपुर) के बेटे को दिया। महादेव सिंह खंडेला (खंडेला) के बेटे को भी टिकट नहीं दिया।

धारीवाल ने समर्थकों से कहा- मैं बेटे के लिए टिकट लेने गया था। हाईकमान ने मना कर दिया।
धारीवाल ने समर्थकों से कहा- मैं बेटे के लिए टिकट लेने गया था। हाईकमान ने मना कर दिया।

मेरी शिकायत की गई थी
उन्होंने कहा कि हाईकमान ने मुझे दिल्ली बुलाया और बोले- लड़ना तो तुम्हें ही पड़ेगा। मेरे खिलाफ भी कुछ शिकायतें और सेवा कर रखी थी। मैंने हाईकमान से कहा मेरे खिलाफ शिकायत है तो पहले उसकी जांच करवा लो, अगर जांच में मैं निर्दोष पाया जाता हूं तो मुझे दिल्ली बुलाकर टिकट दे दें। जांच चलती रही, इसलिए मेरे टिकट में भी देरी हुई।

मैं नहीं चाहता कि मेरे ऊपर कोई आरोप हो और मुझे टिकट दे दिया जाए। मेरी शिकायत की गई, खूब जांच चली और शिकायत किसने की? यहां के कुछ उठाइगीरों ने की...

धारीवाल बोले- मोदी लहर में जीते थे गुंजल
सभा से पहले धारीवाल ने भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा- पहली बार बीजेपी के गुंजल मोदी लहर के कारण जीते थे। उस समय नरेंद्र मोदी केंद्र की राजनीति में आए थे। पूरे देश में मोदी की लहर थी। गुंजल की वो जीत, जीत नहीं थी। असल में मुकाबला तब होता है। जब माहौल खिलाफ भी न हो और पक्ष में भी न हो। बीच का माहौल हो। साल 2018 के चुनाव में बीच का माहौल था। न बीजेपी, न कांग्रेस के पक्ष में हवा थी और जनता में मुझे आशीर्वाद दिया।