जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

जयपुर में अधजली युवती की लाश मिलने के अब पुलिस के सामने कई सवाल हैं। क्योंकि युवती को लेकर 4 परिवारों का दावा है कि वो उनकी बेटी है। इसलिए अब युवती की लाश का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा।

हालांकि, मामले में सामने आए एक परिवार का दावा है कि शव उनकी बेटी का है, जो एक गैंगरेप पीड़िता है।

परिवार ने बताया- पीड़िता 15 नवंबर से गायब थी, लेकिन गुमशुदगी दर्ज होने के बावजूद कालाडेरा थाना पुलिस ने उसकी तलाश तक नहीं। पुलिस ने कहा- खुद ढूंढ लो।

मृतका का मामा और उसके परिजन अपने स्तर पर ही तलाश करते रहे। 9 दिन बाद कालवाड़ थाना इलाके में उसकी डेड बॉडी 75 फीसदी जली हुई मिली, लेकिन शर्मनाक बात ये है कि मामले की जांच कर रहे पुलिसकर्मी ने चुनाव में ड्यूटी का हवाला देते हुए दो दिन बाद बॉडी की पहचान तक नहीं करवाई।

मृतका के मामा ने बताया- 2021 में उनकी भांजी के साथ गांव के ही दो युवकों ने गैंगरेप किया था। इसका मामला कालाडेरा थाने में दर्ज था। गैंगरेप के एक आरोपी मुकेश मीणा का रिश्तेदार रामसिंह मीणा खपरिया गांव (कालाडेरा) लगातार युवती और उसके परिवार पर राजीनामा करने का दबाव बना रहा था।

रामसिंह ने कई बार युवती और परिवार के लोगों को देख लेने की भी धमकी दी थी। पूरे परिवार को शक है कि रामसिंह ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर युवती की हत्या की है।

कालवाड़ स्थित चम्पापुरा रोड पर शनि मंदिर के पास युवती की अधजली हालत में लाश मिली थी।
कालवाड़ स्थित चम्पापुरा रोड पर शनि मंदिर के पास युवती की अधजली हालत में लाश मिली थी।

9 दिन तक बेटी को खुद ढूंढते रहे परिजन
मृतक के मामा ने बताया- 15 नवंबर को उनकी भांजी लापता हुई थी। पूरे गांव में युवती को जगह-जगह ढूंढा गया। परिवार के लोगों ने कुएं और बावड़ियों में भी देखा, लेकिन वह नहीं मिली। इस पर 16 नवंबर को कालाडेरा थाने में युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज कर ली, लेकिन जवाब दिया कि चुनाव के बाद ही कुछ होगा। तब तक आप लोग अपने स्तर पर खोजबीन कर लो। इसके बाद परिवार और अन्य लोग 9 दिन तक लगातार युवती को खोजते रहे, लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं मिला।

उन्होंने बताया- 25 नवंबर को युवती के मामा के पास फोन आया कि पुलिस को एक अधजली लाश मिली है। इस पर युवती का परिवार कालाडेरा थाने पहुंचा।

गुमशुदगी की जांच कर रहे कॉन्स्टेबल महेंद्र को अपने साथ चलने के लिए कहा, लेकिन महेंद्र ने खुद की चुनाव में ड्यूटी होने के कारण जाने से मना कर दिया।

कालाडेरा थाना पुलिस ने 2 दिन तक कोई सुध नहीं ली। फिर 27 नवंबर को पीड़ित परिवार कॉन्स्टेबल महेंद्र को लेकर कालवाड़ थाने पहुंचा। पुलिस के साथ कांवटिया अस्पताल जाकर युवती की पहचान की।

पुलिस ने FSL टीम की मदद से मौके से सबूत जुटाए। पुलिस को शव के पास बोरी के जले हुए टुकड़े मिले थे।
पुलिस ने FSL टीम की मदद से मौके से सबूत जुटाए। पुलिस को शव के पास बोरी के जले हुए टुकड़े मिले थे।

मृतका के दिव्यांग पिता ने बताया- 15 तारीख को उनकी बेटी रात 11.30 बजे घर के बाहर शौच करने के लिए गई थी। इसके बाद वह घर पर वापस नहीं लौटी। काफी देर तक जब बेटी नहीं लौटी तो आवाज देना शुरू किया। कोई जवाब नहीं आने पर आसपास के लोगों को सूचना दी थी।

जली बॉडी देखकर मामा ने पहचान की
मृतका के मामा ने बताया- डेड बॉडी 75 प्रतिशत जली हुई थी, लेकिन शव देखते ही मैंने पहचान कर ली। मामा ने बताया- युवती के पैर के अंगूठे का नाखून कुछ दिन पहले ही टूटा था। शव को देखा तो उसके भी पैर के दाएं अंगूठे का नाखून टूटा हुआ था। फिर ललाट देख कर उसकी पहचान हो गई।

मृतका के मामा ने बताया कि बेटी की पैरों की सभी अंगुलियां लंबी और बराबर थीं। इसका मुझे पता था। इसलिए एक बार में ही पहचान लिया। दीपावली पर बेटी ने हाथों में मेहंदी लगी हुई थी। जले हुए हाथों में कुछ जगह पर मेहंदी उभरी हुई थी।

बेटी की हाथ की अंगुलियां भी लंबी थी। पैर और हाथों में कुछ दिन पहले ही उसने नेल पॉलिश लगाई थी, जो मेरे सामने ही लगाई थी। इसी से पहचान की।

आरोपी ने मृतका की पहचान छुपाने के लिए शव को जला दिया।
आरोपी ने मृतका की पहचान छुपाने के लिए शव को जला दिया।

दिव्यांग पिता, मानसिक बीमार भाई के साथ रहती थी
मृतका गांव में दिव्यांग पिता, मानसिक बीमार भाई के साथ रहती थी। युवती जीवन यापन के लिए खेती किया करती थी। युवती की दो बहनें मामा के घर पर रहकर पढ़ाई करती हैं। ज्यादा बोझ नहीं पड़े इसलिए मामा ने दोनों बहनों को पालने की जिम्मेदारी ले रखी है। मां की कुछ साल पहले मौत होने के बाद से रेप पीड़िता युवती पर ही घर की पूरी जिम्मेदारी आ गई थी। इसके बाद वह पूरे घर को संभाल रही थी।

युवती के मामा ने बताया- आरोपियों ने साल 2021 में उसके साथ गैंगरेप किया था, लेकिन इसके बाद भी वह डरी नहीं। बदमाशों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, लेकिन बदमाशों ने उसकी हत्या करवा दी।

कालाडेरा सीआई बोले- परिवार 25 नवंबर को किससे मिला मुझे जानकारी नहीं
कालाडेरा सीआई रामपाल सिंह ने बताया- युवती के परिजन उनके पास 26 नवंबर को आए थे। ये लोग 25 नवंबर को किससे मिले मुझे जानकारी नहीं है। 26 नवंबर को मेरे पास आए तो पुलिसकर्मियों को पीड़ित परिवार के साथ कालवाड़ थाने भेजा। इसके बाद मृतका की इन लोगों ने पहचान की। कालवाड़ थाना पुलिस का कहना है कि इस युवती के शव के संबंध में कुछ और लोग भी आए हैं।

वह भी दावा कर रहे हैं कि बॉडी उनकी बेटी की है। हमारे थाने में मिसिंग दर्ज हुई थी। हमने मिसिंग दर्ज होने की जांच की थी। अगर शव इनकी बेटी का है तो वह कालवाड़ थाना पुलिस ही तय करेगी। वहीं, युवती जब नाबालिग थी, तब उसके साथ गैंगरेप का मामला दर्ज हुआ था। इसमें दो आरोपी पूर्व में गिरफ्तार हो चुके हैं।

कालवाड़ थाना सीआई धर्म सिंह ने बताया- युवती का जला हुआ शव मिलने पर एफएसएल की टीम को मौके पर बुला लिया गया था। यह मामला हत्या का था तो खुद मैंने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज की थी।

इसके बाद जानकारी मिली थी की कालाडेरा में एक युवती की गुमशुदगी दर्ज हुई है। उसके परिवार को जानकारी दी गई। परिवार के आने पर शव की शिनाख्त कराई गई। बॉडी की पहचान के बाद परिवार ने कुछ लोगों के बारे में शिकायत दी है। इसकी जांच शुरू हो चुकी है।

अलग-अलग परिवार शव की पहचान करने पहुंचे
सीआई धर्म सिंह ने बताया- कालाडेरा से कुछ लोग आए थे, जिन्होंने बॉडी देख कर कहा कि शव उनकी बेटी का है। पिछले कुछ दिन में और थानों से भी पुलिस लोगों को लेकर आई है, जिनका संदेह है कि शव उनकी बेटी का है।

ऐसे में पहचान के लिए पहले डीएनए टेस्ट कराया जाएगा और उसके बाद ही शव सौंपा जाएगा। हमारे थाने की पूरी टीम इलाके में लगे हुए सीसीटीवी सहित कई तकनीकी तथ्यों पर काम कर रही हैं। हम चाहते हैं पहले आरोपी मिल जाए, जिससे वही बता दे की शव किसका है।