जयपुर में गणपति प्लाज़ा के लॉकर्स का नक़दी उगलना बंद ही नहीं हो रहा है। धनतेरस को इनकम टैक्स (आईटी) डिपार्टमेंट की टीम ने गणपति प्लाजा के दो लॉकर्स से 1 करोड़ 37 लाख रुपए बरामद किए। यह नक़दी 500-500 रुपए के नोटों की शक्ल में है। अभी तक आईटी डिपार्टमेंट के अधिकारियों को जानकारी नहीं है कि लॉकर का मालिक कौन है। इसीलिए दोनों लॉकर्स को काटकर रुपए निकाले गए। आईटी डिपार्टमेंट की टीम के अनुसार अभी भी करीब 300 से ज्यादा ऐसे लॉकर हैं जिन्हें खोला जाना है। अगर जांच में सहयोग नहीं मिलेगा तो सभी लॉकर काट कर खोले जाएंगे।
आयकर विभाग की टीम 29 अक्टूबर से इन लॉकर्स के मालिक की तलाश कर रही थी। 12 दिन बाद भी कोई जिम्मेदार सामने नहीं आया। लॉकर मालिकों को लेकर लॉकर एजेंसी के मालिक से पूछताछ की गई। उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद शुक्रवार को आईटी विभाग की टीम कटर लेकर गणपति प्लाजा स्थित रोयरा सेफ्टी वॉलेट्स में पहुंची। कटर से लॉकर को काट कर पैसा निकाला।
आयकर विभाग की टीम लगातार रोयरा सिस्टम लॉकर्स की जांच में जुटी है। अधिकारियों ने बताया- ऐसे कई लॉकर हैं, जिनकी जानकारी लॉकर कंपनी के मालिक को नहीं है। वह जांच में सहयोग भी नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि अब अधिकारी लॉकर को काट कर पैसा निकालने में लगे हैं। सुरक्षा और पारदर्शिता को देखते हुए लॉकर काटने और नोट निकालने से काउंट करने तक की वीडियोग्राफी हो रही है।
इससे पहले आयकर विभाग की टीम को साढ़े चार किलो सोना मिला था जो रुई की चादर में लपेटा हुआ था। गोल्ड की जांच करने पर उसका वजन और शुद्धता के लिए टीमों को मौके पर बुलाया गया था। जांच में गोल्ड शुद्ध और अच्छी क्वालिटी का मिला। इसका वर्तमान बाजार मूल्य करीब 2.5 करोड़ रुपए बताया गया था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने गोल्ड को सीज कर लिया था। ये लॉकर किसका है। इसका खुलासा विभाग ने नहीं किया है।
राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों के बाद जयपुर में गणपति प्लाजा के लॉकर्स की जांच शुरू हुई थी। यहां स्थित रोयरा सेफ्टी वॉलेट्स में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी जांच में जुटे हैं। अब तक करीब 763 लॉकर की जांच की जा चुकी है। 337 लॉकर की जांच करना बाकी है। जांच के दौरान मिले गोल्ड और कैश को लेकर लॉकर धारकों से पूछताछ की जा रही है।
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