बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी (PIA) की 2 महिला हैंडलर्स ने बीकानेर के युवक को हनीट्रैप में फंसा लिया। दोनों ने उसे सीमावर्ती इलाकों की जासूसी कराना शुरू किया। 2 साल पहले फेसबुक के जरिए हुई बातचीत में PIA एजेंट युवतियां उससे सेना की जानकारी भेजने को कहती थीं। एक युवती खुद को स्थानीय जर्नलिस्ट बताती थी तो दूसरी BSF की कर्मचारी बनकर उससे बात करती थी।

युवक इनके जाल में ऐसा फंसा था कि उसने यहां बॉर्डर एरिया से जुड़ी तमाम सूचनाएं पाकिस्तान को भेज दीं। इसके लिए बाकायदा उसने एक वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया था। राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस टीम ने इसे तीन दिन पहले गुरुवार को बीकानेर के बज्जू से हिरासत में लिया था। इसके बाद इसे शनिवार को जयपुर में जॉइंट इंटेरोगेशन कमेटी की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

आरोप है कि बीकानेर के रहने वाले युवक ने इन्हीं 2 युवतियों को बॉर्डर से जुड़ी जानकारियां भेजी हैं। ये दोनों युवतियां पाकिस्तानी एजेंट हैं।
आरोप है कि बीकानेर के रहने वाले युवक ने इन्हीं 2 युवतियों को बॉर्डर से जुड़ी जानकारियां भेजी हैं। ये दोनों युवतियां पाकिस्तानी एजेंट हैं।

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (इंटेलिजेंस) एस सेंगाथिर ने बताया- भारतीय सीमा से पाकिस्तान को खुफिया रिपोट्‌र्स देने के मामले में पुलिस ने नरेंद्र को गिरफ्तार किया है। अब तक हुई पूछताछ में ये सामने आया है कि वो PIA की दो महिला हैंडलर्स को सूचनाएं दे रहा था।

नरेंद्र भारत-पाकिस्तान सीमा पर खाजूवाला (बीकानेर) के आनन्दगढ़ का रहने वाला है। वह बज्जू में एक बाइक कंपनी में काम करता था। सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की सुनीता और पूनम बाजवा नाम की युवतियों के संपर्क था। युवतियां इससे फर्जी नाम से चैट और वाॅट्सऐप कॉल के जरिए बातचीत करती थीं। नरेंद्र को हनीट्रैप में फंसा लिया था। पुलिस को इनपुट मिला तो इंटेलिजेंस टीम ने उसके नंबर को ट्रैक किया। लगातार उसकी निगरानी रखी गई। अंत में उसे गिरफ्तार किया गया।

खुद को पंजाब निवासी बताया था
जॉइंट इंटेरोगेशन कमेटी की पूछताछ में नरेंद्र ने बताया- वो 2 साल पहले फेसबुक पर पूनम बाजवा नाम की युवती के संपर्क में आया था। उसने खुद को भटिंडा (पंजाब) निवासी बताया था। उसके पास मोबाइल नंबर भी भारत के थे। पूनम ने बताया था कि वो बीएसएफ में डाटा एंट्री ऑपरेटर है। उसने नरेंद्र को शादी का झांसा देते हुए कई बार बातचीत की।

वो नरेंद्र से संवेदनशील सूचनाएं एकत्र करती थी। कई बार सड़क, पुल, बीएसएफ पोस्ट, टावर, आर्मी की गाड़ियों की फोटो और वीडियो की डिमांड करती थी। नरेंद्र ये डिमांड पूरी करता था। इसी दौरान दूसरी युवती सुनीता ने खुद को जर्नलिस्ट बताते हुए सूचनाएं लेनी शुरू की। सुनीता प्रेस रिपोर्टर बनकर नरेंद्र से बात करती और सूचनाएं इकट्ठी कर रही थी।

अन्य युवकों को भी जोड़ रहा था

पूछताछ में नरेंद्र ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने अधिकारियों को बताया- युवतियों के कहने पर उसने बॉर्डर एरिया के युवकों का एक वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया। इसके जरिए भी कई खुफिया सूचनाओं को वो इकट्ठा कर रहा था। इसके बाद वह फोटो और वीडियो पाक एजेंट युवतियों को भेज देता था। इस ग्रुप के सदस्यों से भी अब पूछताछ हो सकती है। पुलिस इस ग्रुप पर भी नजर रख रही है।

सावधान रहने की सलाह दी

अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (इंटेलिजेंस) एस. सेंगाथिर ने बताया- पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी के लिए काम करने वाली महिलाएं सोशल मीडिया से मोबाइल नंबर लेकर संपर्क करती हैं। हनीट्रैप में भारतीय युवकों को फंसाकर उनसे जासूसी करवाती हैं। इस दौरान कई महत्वपूर्ण सूचनाएं एकत्र कर ली जाती हैं। ऐसे में स्थानीय युवकों को सावधान रहने की जरूरत है।