सीकर ब्यूरो रिपोर्ट। 

कांग्रेस नेता काजी निजामुद्दीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा निशाना साधा है। काजी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 56 इंच का सीना नहीं बल्कि 56 इंच की जुबान है। जिनसे जो चाहे बुलवा लो। काजी निजामुद्दीन रविवार को श्रीमाधोपुर विधानसभा क्षेत्र के अजीतगढ़ में किसान सम्मेलन में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस नेता सचिन पायलट, हेमाराम चौधरी, इंद्राज गुर्जर सहित कई कांग्रेसी नेता मौजूद रहे। वहीं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति में कभी ऐसे शब्दों का प्रयोग न करें जिनका बाद में पछतावा हो।

काजी निजामुद्दीन ने कहा कि आज देश के जो हालात हैं वह हम सब देख ही रहे हैं। करीब 9.5 साल पहले केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो नरेंद्र मोदी पीएम बने। जो 56 इंच का सीना कहकर आए थे और कहा था कि यह सीना महंगाई, बेरोजगारी सबसे लड़ेगा और हर वर्ग के लिए काम करेगा लेकिन उनका 56 इंच का सीन नहीं 56 इंच की जुबान निकली जिससे जो चाहे कहलवालो।

काजी ने कहा कि देश को चलाने के लिए 56 इंच का सीना नहीं बल्कि 56 इंच के दिल की जरूरत है जिसमें हर वर्ग और जाति समा सके। जो दिल सबके लिए काम कर सके। और वह दिल केवल राहुल गांधी के पास है जिनकी नीतियों पर कांग्रेस की सरकारें चलती है। कांग्रेस की सरकार ही राजस्थान और देश का भला कर सकती है। अब देश के लोगों को पता चल गया है कि देश को भड़काने वाली जुबान को खदेड़ने का टाइम आ गया है।

वहीं सचिन पायलट ने कहा कि इस तरह की भीड़ मन में जोश और उत्साह होने पर ही आती है। डरकर इस तरह की भीड़ नहीं आती है। शेखावाटी ने कांग्रेस का दामन इस तरह से थामा कि यहां सभी विधायक कांग्रेस के जीते। पायलट ने कहा कि कांग्रेस का कोई नेता हो या कार्यकर्ता सबको एकजुट रहना जरूरी है। तभी कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ेगी, जब तक राजस्थान में दोबारा सरकार में न आए तब तक 2024 में बीजेपी से लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

पायलट ने कहा कि चुनाव के समय जोश और होश दोनों की जरूरत होती है। राजनीति दिल से नहीं दिमाग से की जानी चाहिए। राजनीति में ऐसे शब्दों का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए जिनका बाद में पछतावा हो। आलोचना मैं भी करता हूं और इस तरह की करता हूं कि विरोधियों को चैन की नींद नहीं लेने देता। आजकल टकराव, नफरत, गाली-गलौज और आरोप प्रत्यारोप की राजनीति हो गई है। इस तरह की राजनीति से बचना चाहिए। जब मैं अध्यक्ष था उस वक्त वसुंधरा राजे की तानाशाही सरकार चलती थी लेकिन कांग्रेस के 21 विधायक होने के बावजूद भी कांग्रेस सड़कों पर मजबूत रही और 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी।