श्रीगंगानगर - राकेश शर्मा 

खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम कर रही संस्था एमजीएस खेल गांव और टांटिया यूनिवर्सिटी के शारीरिक शिक्षा संकाय ने शनिवार को यहां चालीस खेल गुरुओं का सम्मान किया। ये वे खेल गुरु हैं, जिन्होंने जिले भर में अपनी मेहनत से ऐसे खिलाड़ी तैयार किए हैं, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परिचय दे रहे हैं।

एमजीएस खेल गांव के अध्यक्ष कौशल उपवेजा ने बताया कि यूनिवर्सिटी के विधि सभागार में हुए इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला खेल अधिकारी सुरेंद्रकुमार बिश्नोई थे। उन्होंने इस मौके पर कहा कि श्रीगंगानगर के खिलाड़ी भी राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने लगे हैं। परंतु अभी हमें और मेहनत की जरूरत है। हमें खेलों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूत करना होगा। तभी बेहतरीन परिणाम दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि जिस कोच और उसके खिलाड़ी में जुनून होता है, वह निश्चित रूप से कोई न कोई कमाल अवश्य करता है। जिला खेल अधिकारी ने माना कि असली नायक वह नहीं होता जो पर्दे पर चमकता है, बल्कि असली नायक तो पर्दे के पीछे होता है, जो उसे तैयार करता है। एमजीएस खेल गांव व टांटिया यूनिवर्सिटी ने ऐसे जौहरियों को ढूंढ निकाला है, यह खुशी की बात है।

यूनिवर्सिटी के शारीरिक शिक्षा संकाय के डीन डॉ. सुरजीतसिंह कस्वां ने यूनिवर्सिटी के शारीरिक संकाय की ओर से करवाए जा रहे पाठ्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि इस समय शारीरिक शिक्षा और योग में पीएच.डी. तक करवाई जा रही है।

इससे पहले एमजीएस खेल गांव के कोषाध्यक्ष कपिल असीजा ने सभी का स्वागत करते हुए टांटिया यूनिवर्सिटी और एमजीएस खेल गांव की तरफ से खेल और खिलाड़ियों के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा की। सचिव सुनील सिहाग ने सभी का आभार जताते हुए विश्वास दिलाया कि क्षेत्र के खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में हरसंभव मदद की जाएगी। मंच संचालन करते हुए प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजकुमार जैन ने यूनिवर्सिटी के वाइस चेयरमैन डॉ. मोहित टांटिया की ओर से विश्वास दिलाया कि क्षेत्र में खिलाड़ियों के लिए जो भी संभव होगा, हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाएगा। 

कार्यक्रम में टांटिया समूह के जनरल मैनेजर डॉ. विकास सचदेवा, शारीरिक शिक्षा संकाय के डॉ. अनुराग बिस्सू, शिक्षा संकाय की उपप्राचार्य डॉ. रेखा सोनी, आर्ट एंड क्राफ्ट के डीन डॉ. सुनील बाघला, विधि के डॉ. सौरभ गर्ग, एनसीसी प्रभारी संदीप भांभू, जे.आर. टांटिया चेरिटेबल नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र के प्रभारी डॉ. मनीष बाघला, काउंसलर विकास रांगेरा, राकेशकुमार भादू, आईईसी को-ऑर्डिनेटर कृष्णकुमार आशु, मीडिया विभाग के कार्यालय प्रभारी नितेश वर्मा, सहित काफी लोग मौजूद थे।

इनका किया गया सम्मान

कार्यक्रम में चालीस खेल गुरुओं को शॉल ओढ़ाकर, सम्मान पत्र एवं उपहार भेंट कर सम्मानित किया गया। इनमें बास्केटबॉल कोच भानीराम, हैंडबॉल कोच इकबाल सिंह व सुखचैनसिंह, जेवलिन थ्रो के समरजीत सिंह मल्ही, जूडो के जगदीप सिंह व मालचंद योगी, खेलो इंडिया में कोच रहे सुरेंद्र सिंह, वुशू कोच मंजीत कुमार, फुटबॉल कोच मदन बेनीवाल, कोच दुर्गासिंह व रघुवीर सिंह, कबड्डी के दर्शनसिंह बराड़, क्रिकेट के संजीव सहारण, संतोष सक्सेना व रणजीत थिन्द, वॉलीबॉल कोच देवीलाल बिश्नोई,  बैडमिंटन कोच सुनील सिक्का, गौरव बलाना व विक्रान्त कौशल, जिम्नास्टिक की श्रीमती बसकौरी, रेसलिंग के नवदीप सिंह, रोल बॉल के सोनू ठक्कर व उदयपाल बिश्नोई,  स्केटिंग के अनिल सोनी, लॉन टेनिस के हरिन्द्र शर्मा, वेटलिफ्टिंग के चन्द्रशेखर, पीटीआई सीताराम व सतनाम, टेबल टेनिस के मनोज शर्मा व आशुतोष शर्मा,  खो खो के राजाराम ढाका, श्रीमती सुमित्रा वर्मा व केवलकृष्ण, एथलेटिक्स के राजेश कुमार, श्रीमती कुलवीर कौर, कुलदीपसिंह राठौड़, शिवप्रकाश व कमल कुमार सहारण,  सेवानिवृत खेल अधिकारी सूरजाराम सिहाग तथा योगाचार्य श्यामसुंदर शर्मा शामिल थे।