अजमेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

साधु वासवानी मिशन, पुणे, भारत में पवित्र ट्रस्ट की आध्यात्मिक प्रमुख और साधु वासवानी मिशन की कार्यकारी प्रमुख दीदी कृष्णा कुमारी जी ने दादा जेपी वासवानी के वैश्विक अनुयायियों की ओर से अजमेर शरीफ़ दरगाह की पवित्र ज़ियारत की। यह तीर्थयात्रा प्रेम, शांति और सद्भाव के सार्वभौमिक संदेश का प्रतीक है जो सभी के प्रति बिना शर्त सेवा के साथ सभी राजनीतिक और भौगोलिक सीमाओं को पार करता है। दरगाह अजमेर शरीफ़ गहन ज्ञान, श्रद्धा और समावेशिता का स्थान है जिसे विभिन्न धर्मों और पृष्ठभूमि के लोगों द्वारा सराहा जाता है।

इस यात्रा के दौरान दरगाह अजमेर शरीफ के गद्दी नशीन और चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने दीदी कृष्णा कुमारी का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया। उन्होने बताया कि दीदी दुनिया के लिए ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ के शांति संदेश की राजदूत हैं। उनका स्वागत तथा सम्मान अंतरधार्मिक एकता के मूल्यों और आध्यात्मिक संबंधों का एक प्रमाण है जो हम सभी को एकजुट करता है।

ज़ियारत  के दौरान दीदी कृष्णा कुमारी ने साधु वासवानी मिशन के वरिष्ठ सदस्यों के साथ शांति के लिए प्रार्थना की और दुनिया के सबसे बड़े खाना पकाने के बर्तन देग़ लंगर का भी अवलोकन किया,जिसमें दरगाह अजमेर शरीफ में सभी साधकों और भक्तों के लिए 4000 किलोग्राम से अधिक शुद्ध शाकाहारी भोजन  बना कर परोसा जाता है।

वैश्विक शांति पुरस्कार साधु वासवानी मिशन के आध्यात्मिक प्रमुख दादा जे.पी. वासवानी जी को मरणोपरांत प्रदान किया गया ।यह पुरस्कार दीदी कृष्णा कुमारी को दादा जे.पी. वासवानी की शांति, सद्भाव और सार्वभौमिक भाईचारे की विरासत को बनाए रखने की उनकी अटूट प्रतिबद्धता हेतु दिया गया।

दीदी कृष्णा कुमारी ने आध्यात्मिकता और ज्ञान की प्रतीक, वैश्विक साधु वासवानी मिशन समुदाय की प्रार्थनाओं, प्रेम और शुभकामनाओं  को समस्त मानव जाति को प्रेषित किया। दरगाह अजमेर शरीफ़ की उनकी यात्रा हमारी साझा मानवता, विभाजनों से परे और सभी के लिए प्रेम, करुणा और सेवा के मूल मूल्यों को अपनाने का प्रतीक है।

उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रद्धेय दादा जे.पी. वासवानी जी की एक सामंजस्यपूर्ण दुनिया की स्थायी दृष्टि जिसमें सभी धर्म एक साथ आते हैं, हम सभी को प्रेरित करती रहती है और दरगाह अजमेर शरीफ़ का भी सम्पूर्ण मानवता को यही संदेश है।