चित्तौड़गढ़ ब्यूरो रिपोर्ट। 

झूठे केस में पुलिस ने इतना परेशान किया कि किसान को कुछ नहीं सूझ रहा था। बेचारा... हर तरफ से निराश हुआ तो अपने विधायक से मदद मांगने पहुंचा। अपनी पगड़ी तक कदमों में रख दी। फिर भी विधायक का दिल नहीं पसीजा। उन्होंने पगड़ी को लात मार दी। अब इसका वीडियो सामने आया तो नेता जी (विधायक) की राजनीति डगमगाने लगी है। चुनाव का माहौल है। भला इतना कोई रिस्क कैसे ले? विधायक ने किसान के पास अपने 2 लोगों को भेज दिया। साथ ही, मोटी रकम भी ऑफर की। शर्त बस इतनी कि किसान अपना मुंह बंद रखे।

वीडियो सामने आते ही विरोधी पार्टी के नेता हमलावर हो गए हैं। मामला तूल पकड़ने लगा तो सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर विधायक ने अपना पक्ष भी रखा है। मामला चित्तौड़गढ़ जिले की बेगूं विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी का है।

प्रदेश के एक प्रमुख दैनिक ने इस बारे में पीड़ित किसान और उसके बेटे मुकेश से बात की 

दैनिक : एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि बेगूं विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी ने आपकी पगड़ी को पैर से ठोकर मारी। पूरा मामला क्या है?

किसान : मैं विधायक से मदद मांगने के लिए गया था। थाने वाले मुझे परेशान कर रहे थे। बेटे को भी साथ लेकर गया था ताकि उसे भी नौकरी पर लगा दे। विधायक के सामने पगड़ी लेकर गया था। उन्होंने पगड़ी को लात मारी और पगड़ी दूर जाकर गिरी।

दैनिक : थाने वाले क्यों परेशान कर रहे थे। किस बात में मदद मांगने गए थे?

किसान : एक झगड़े का मामला था। राजीनामे के बाद भी हम पर केस लगा दिया गया था, इसलिए पुलिस हमें परेशान कर रही थी।

दैनिक : विधायक रिसोर्ट में है, इसकी जानकारी आपको किसने दी?

किसान : इसकी जानकारी मुझे विधायक के करीबी हीरालाल ने दी थी। उन्होंने कहा कि विधायक मेनाल रिसोर्ट में आए हुए हैं, जो काम निपटाना है, निपटा लो।

दैनिक : वीडियो में आपके हाथ में एक कागज दिख रहा है। उसमें क्या लिखा था ?

किसान : वह कागज FIR की कॉपी थी। झगड़े की सभी डिटेल उसी में थी।

किसान के बेटे मुकेश गुर्जर ने क्या कहा-

दैनिक : आपका आरोप है कि वीडियो सामने आने के बाद विधायक ने अपने दो लोगों को आपके पास भेजा?

किसान का बेटा (मुकेश): हां, काटूंदा के रहने वाले रमेश गुर्जर और हीरालाल गुर्जर आए थे। बोले- वीडियो वायरल हो रहा है। बयान बदलने को बोल रहे थे। उसके बदले 7 लाख रुपए का ऑफर दिया गया था। मैंने पापा को मना कर दिया कि कोई बयान नहीं देना है। फिर मैंने हमारे पड़ोसी नरेश फौजी को कॉल लगाया। वह गाड़ी लेकर खेत पर आया। हमें न्याय और सुरक्षा चाहिए।

दैनिक : आप लोगों के खिलाफ रेप का मामला दर्ज हुआ था, वो किसने और क्यों दर्ज करवाया?

किसान का बेटा (मुकेश) : बड़े भाई की पत्नी नाते चली गई थी। उसके बाद भाभी ने मेरे और पिता के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करवाया था। समाज के सामने मामले का निपटारा हो गया था। पुलिस जांच में भी कुछ नहीं निकला था।

किसान परिवार के सहयोगी नरेश फौजी की जुबानी.....

दैनिक : वीडियो 2021 का है। जब पगड़ी उछाली गई, तब सभी ने आवाज क्यों नहीं उठाई ?

किसान का पड़ोसी : विधायक की वहां गुंडागर्दी चलती है। उनके बिना बोले, बिना इशारे के चिड़िया भी नहीं घूम सकती। यह तो गरीब किसान है। परिवार को पता था कि वह वीडियो की बात करेगा तो विधायक उसको डराएंगे, धमकाएंगे।

दैनिक : तो अब क्यों आवाज उठा रहे हैं, क्या अब विधायक कुछ गलत नहीं कर सकते?

किसान का पड़ोसी : अब आचार संहिता लग चुकी है। पुलिस फ्री हैंड हो चुकी है। पुलिस उनके इशारों पर नहीं नाचेगी। पिछले 5 सालों से पुलिस उनके इशारों पर नाचती आई है। किसान इस घटना की पुष्टि नहीं कर पाता। आचार संहिता लगने के बाद यह वीडियो होटल मालिक के माध्यम से हमारे पास सोमवार रात को पहुंचा था। सुबह किसान को पता चला कि अब मैं कुछ कर सकता हूं। सुबह भी विधायक ने अपने दो गुर्गों (दो आदमी) को किसान के पास भेजा था।

मामले में लग चुकी FR

बेगूं थानाधिकारी चंद्रशेखर किलानियां ने बताया कि किसान और उसके बेटे पर 2021 में मामला दर्ज किया गया था। मामला झूठा निकला था। साल 2022 में FR लगा दी गई थी।

विधायक ने मानहानि का मुकदमा करने की दी धमकी
मामले में विधायक ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा। विधायक ने कहा- ये फेक एडिट किया वीडियो है, जिसे सोची-समझी रणनीति के तहत अब सोशल मीडिया पर डाला गया है। मैं होटल से चाय पीकर निकला। तब पहले से प्लानिंग के तहत खड़ा ये व्यक्ति पास आकर एकाएक पैरों में पगड़ी रख देता है। मैं डांट रहा हूं कि ये क्या कर रहा है? इस व्यक्ति का बेटा नाता प्रथा में लड़की को भगाकर ले आया था। ऐसे में गैरकानूनी होने के कारण मैंने उसकी मदद करने से मना कर दिया था। पुलिस और कानून अपना काम कर रहे हैं।

दो साल पहले की ये बात अभी वायरल करना राजनीतिक स्टंट है। कोई उसे उकसा भी रहा है। ये पहले सामने क्यों नहीं आया। मैं खुद अब मानहानि का मुकदमा करूंगा।

(विधायक ने सोशल मीडिया पोस्ट में FIR की कॉपी भी शेयर की और दावा किया कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति लोभी राम और उसके पुत्र के खिलाफ बेगूं थाने में 16-07-2021 को रेप का केस दर्ज हुआ था। )

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने की निंदा
इस मामले में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने भी निंदा की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक की ओर से फरियादी की पगड़ी को ठोकर मारना गलत है। यही, कांग्रेस की सही चाल, चरित्र और चेहरा है। कांग्रेस एक तरफ तो जान सम्मान जय राजस्थान का नारा देती है। वहीं, दूसरी और उन्हीं के विधायक पगड़ी को लात मार कर एक किसान का अपमान करती है। जनप्रतिनिधि द्वारा पगड़ी को लात मारना निंदनीय है।

षडयंत्र के जरिए फेक और एडिटेड वीडियो वायरल किया : बिधूड़ी
इस पूरे मामले पर बेगूं विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी ने अपने खिलाफ षडयंत्र का आरोप लगाया है। बिधूड़ी ने कहा- मेरी छवि को धूमिल करने के लिए लोग षड्यंत्रपूर्वक जो वीडियो एडिट करके वायरल कर रहे हैं, उसकी सच्चाई ये है कि ये वीडियो 21-10-2021 का है। वीडियो में आ रहा व्यक्ति लोभीराम और उसके पुत्र के खिलाफ पारसोली थाने में 16-07-2021 को रेप का केस दर्ज हुआ था। वह हर जगह आ कर पगड़ी रख के भावनात्मक रूप से प्रभावित करना चाहता था व वीडियो में भी रेप जैसे घिनौने कृत्य के लिए मुझे मदद करने के लिए बोल रहा था। बलात्कारियों को गले सिर्फ बीजेपी वाले लगा सकते हैं, कांग्रेस वाले नहीं।

हालांकि राजकाज इस बात की पुष्टि नहीं करता पर चित्तौड़गढ़ और आस पास के इलाकों में यह चर्चा भी जोरों पर है कि विधूड़ी का 2021 का पुराना वीडियो वायरल करने का आईडिया दरअसल विपक्षी पार्टी का ही है और उसने ही यह साड़ी साज़िश रची है।  अभी चूँकि प्रदेश में चुनाव आयोग की देख रेख में निष्पक्ष जांच हो सकती है इसीलिए आयोग को इस मामले की तुरंत जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए।