जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

बहुजन समाज पार्टी के बाद अब आजाद समाज पार्टी (ASP) ने भी अलवर में विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशाी उतार दिए हैं। आजाद समाज पार्टी से बीजेपी के कद्दावर नेता रहे डॉ रोहिताश्व शर्मा ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

गुरुवार को दोपहर 2 बजे जयपुर के पिंकसिटी प्रेस क्लब में उन्होंने पीसी कर आजाद समाज पार्टी जॉइन की। इसके तुरंत बाद उनका टिकट घोषित कर दिया गया। तिजारा से बुरहड़ा के सरपंच उदमीराम ओसवाल को एएसपी ने टिकट दिया है।

बानसूर विधानसभा क्षेत्र की चर्चा सबसे ज्यादा

बानसूर से पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ रोहिताश्व शर्मा को एएसपी ने चुनाव में उतारा है। पूर्व मंत्री को बीजेपी ने 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया था। रोहिताश्व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खास रहे हैं। इस बार बीजेपी में वसुंधरा राजे को भी पूरी तरह कमान नहीं सौंपी गई है।

इस कारण पहली लिस्ट में वसुंधरा राजे के कई खास नेताओं को टिकट नहीं मिला। इसके बाद पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा ने पहले शिव सेना में जाने का प्रयास किया, लेकिन शिवसेना (शिंदे) की राजस्थान में किसी अलायंस की संभावना नहीं बनी। इसके बाद रोहिताश्व ने गुरुवार को एएसपी जॉइन कर ली।

डॉ. रोहिताश्व वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे। उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि बीजेपी में उनकी वापसी हो जाएगी और पार्टी उनको टिकट देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब डॉ. रोहिताश्व शर्मा एएसपी से चुनाव मैदान में उतरेंगे।

त्रिकोणीय मुकाबला बनाने की ताकत

पूर्व मंत्री बानसूर से तीन बार विधायक रहे हैं। उनका व्यक्तिगत जनाधार है। ऐसे में अनुमान हैं कि अब वे बानसूर के चुनाव में त्रिकोणीय बना सकते हैं। उनके पास समर्थकों का जनाधार है। इसी कारण वे निर्दलीय भी चुनाव जीत चुके हैं। अब एएसपी के वोट बैंक का सहारा लेकर मैदान में उतरे हैं।

कौन हैं रोहिताश्व शर्मा

डॉ. रोहिताश्व शर्मा कोटपूतली-बहरोड जिले की बानसूर विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार में यातायात मंत्री और एक बार दर्जा प्राप्त मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं।

बहरोड़ के गांव खरखड़ा में जन्मे डॉ. शर्मा 1985 में कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे और चुनाव हार गए। डॉ. शर्मा ने 1993 में निर्दलीय चुनाव लडे और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की पत्नी और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की माता रमा पायलट को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे और भैरोसिंह शेखावत सरकार में यातायात मंत्री बने।

डॉ. शर्मा 2002 के उपचुनाव और 2008 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर बानसूर से विधायक बने। हालांकि डॉ. शर्मा ने 2013 में कांग्रेस की शकुंतला रावत के सामने भाजपा से चुनाव लड़ा और हार गए। इसके बाद वसुंधरा सरकार में दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री बने।

डॉ. शर्मा भाजपा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य भी रहे हैं और वर्ष 2018 तक बानसूर में भाजपा में सक्रिय रहे। 2018 में भाजपा ने बानसूर की जगह थानागाजी से डॉ. शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा लेकिन वे बड़े अन्तर से चुनाव हारे। बता दें अनुशासनहीनता के आरोप में भाजपा ने पूर्व मंत्री शर्मा को 2021 में 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

बानसूर-तिजारा के अलावा एएसपी ने उतरे यहां प्रत्याशी

एएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने 6 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में बानसूर और तिजारा के अलावा भादरा से मुकेश चोपड़ा, सादुलपुर से सत्यवान सिंह, नगर से नेम सिंह और सिरोही से मोतीलाल हीरागर को प्रत्याशी बनाया है।