जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

सिक्किम में 17 दिन पहले आई बाढ़ में राजस्थान का एक और जवान बह गया था। उनका शव 130 किलोमीटर दूर सिलीगुड़ी में मिला। शहीद हुए 29 साल के हनुमानराम जाट अजमेर के रूपनगढ़ के रहने वाले थे।​ मंगलवार को उनकी पार्थिव देह पैतृक गांव अमरपुरा गांव पहुंचेगी।

दरअसल, 3 अक्टूबर की देर रात बादल फटने के बाद सीवी ग्रांड बारडांग के सीवीवाई क्षेत्र से हनुमानराम जाट अपने 23 साथियों के साथ लापता हो गए थे। हादसे के 17 दिन बाद 20 अक्टूबर को घटनास्थल से करीब 130 किलोमीटर दूर तिस्ता नदी में मिला।

शहीद के एक बेटा और बेटी
शहीद हनुमानराम सेना के बारडांग में स्थित एफडी हॉस्पिटल में सेवारत थे। हनुमानराम 8 साल 7 महीने पहले सेना में भर्ती हुए थे। हनुमानराम जाट की पार्थिव देह को आज देर रात किशनगढ़ पहुंचेगी। शहीद के परिवार में पिता सुण्डाराम, पत्नी लीला, बेटा यश चौधरी (5) और बेटी दीक्षिता चौधरी (1) है। एक छोटा भाई है, जो गांव में खेती करता है।

सेना की ओर से रूपनगढ़ प्रशासन को सूचना दी गई है। उपखंड अधिकारी सुखाराम पिण्डेल ने बताया कि इलाके के जवान की शहादत की सूचना मिली है। मंगलवार को उनके पैतृक निवास पर उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान से किया जाएगा।


राजस्थान के 4 जवान हुए शहीद

बता दें कि सिक्किम में बादल फटने की घटना में सीकर के जवान सज्जन सिंह खींचड़, करौली के शिवकेश गुर्जर और बहरोड़ के भवानी सिंह शहीद हो चुके हैं। शिवकेश का शव सिक्किम से करीब 600 किलोमीटर दूर बांग्लादेश की सीमा में बंगाल की खाड़ी के पास मिला था। 20 अक्टूबर को रूपनगढ़ के हनुमानराम का शव सिक्किम से 130 किलोमीटर दूर सिलीगुड़ी में मिला था। बाढ़ को 20 दिन बीत जाने के बाद भी सेना का रेस्क्यू जारी है।