अलवर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान में बीजेपी अनुशासन समिति के चेयरमैन ओंकार सिंह लखावत शुक्रवार को अलवर पहुंचे। यहां बीजेपी कार्यालय में प्रबंधन समिति से चुनाव को लेकर चर्चा की। इसके बाद मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके किए कामों के बूते पर दुनिया में शिखर पर बताया।

उन्होंने कहा- प्रदेश में अशोक गहलोत से राजस्थान नहीं संभल रहा है। इसलिए मोदी से तुलना करना तर्कसंगत नहीं है। अशोक गहलोत की सरकार में पेपर लीक होते रहे। आरपीएससी के जिम्मेदार यह सब करते रहे। यह बड़ी असफलता रही। लखावत ने दावा किया कि अकेले इसी आधार पर कांग्रेस की सरकार लौट के नहीं आएगी।

मीडिया से बातचीत में सवाल जवाब कुछ यूँ रहे। 

प्र - क्या टिकट नहीं मिलने पर गलत तरीके से विरोध करने वाले अनुशासन भंग करने की श्रेणी में आते हैं?

ऊ - पार्टी में बड़ी संख्या में टिकट के दावेदार नेता हैं। कोई भी घटना सामने आती है तो बातचीत करते हैं। यह कोई सरकारी नौकरी नहीं है। अपनी भरी जवानी को पार्टी को दे दिया। ऐसा नहीं है कि हम परिपूर्ण हैं और किसी विषय को सुनेंगे नहीं। टिकट मांगने वालों को 16 सीसी क नोटिस नहीं दिया जाता, सुनने से भी समाधान भी हो जाते हैं।

प्र - क्या पिछले चुनाव में अनुशासन भंग करने वालों को भी देखा जा रहा है?

ऊ - किसी कार्यकर्ता ने कोई बात कही है तो वह उसका सुझाव भी हो सकता है। जरूरी नहीं है कि हर बात अनुशासन भंग हो। अच्छा सुझाव होने पर मान लिया जाता है। कोई गलत सोचने का तरीका होता है उसे ठीक किया जाता है। जानबूझकर नुकसान पहुंचाने का विषय होता है एक्शन लिया जाता है।

प्र - अब कब तक बीजेपी की दूसरी लिस्ट आने वाली है?

ऊ - बीजेपी की लिस्ट बराबर आती रहेगी। संसदीय बोर्ड लिस्ट जारी करता रहेगा। उसके बाद चुनाव काम आगे बढ़ेगा। सब उसमें लगे हैं।

प्र - क्या कांग्रेस के नेताओं का इस आरोप का जवाब देना चाहेंगे कि बीजेपी में बोलने की आजादी नहीं है। अच्छा काम करने वाले नेताओं के बारे में नहीं बोल सकते। उनके केवल नरेंद्र मोदी के बारे में बोलना पड़ता है।

ऊ - नहीं, सबको आजादी है। उचित स्थान पर उचित बात रख सकता है। कांग्रेस की भाषा में हमारे यहां बात नहीं होती है। हमारे यहां भाषा ठीक होनी चाहिए। बीजेपी के वही मुद्दे हैं जो सामने आ चुके हैं। उन्हीं को लेकर चुनाव लड़ेंगे।

प्र - नरेंद्र मोदी व अशोक गहलोत पर राजस्थान का चुनाव आ गया है। आपको क्या लगता है कि राहुल गांधी का चेहरा नहीं होने से बीजेपी को फायदा है?

ऊ - मोदी दुनिया में शिखर पर हैं और अशोक गहलोत को प्रदेश में ही संघर्ष करना पड़ रहा है। दोनों की तुलना करना सही नहीं है। हम लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव लड़ रहे हैं।