कोटा ब्यूरो रिपोर्ट। 

सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को नए कोटा शहर में ऑक्सीजोन सिटी पार्क का लोकार्पण किया। उन्होंने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के साथ पार्क का दौरा भी किया।

इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत ने मंगलवार को रिवर फ्रंट के उद्घाटन में शामिल नहीं होने के सवाल पर कहा- मुझे इस दिन का बेसब्री से इंतजार था। मैंने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी थी। कई बार अपरिहार्य कारणों से जाना नहीं हो पाता है। मैंने तो ट्वीट भी किया था। आप कहें तो मैं इसे पढ़कर सुनाऊं। इसके बाद उन्होंने अपना 1 दिन पुराना ट्वीट पढ़कर सुनाया।

उन्होंने रिवर फ्रंट को लेकर उठे विवाद पर कहा कि राजनीति में ऐसे आरोप लगते रहते हैं। रिवर फ्रंट पर विजिट के सवाल को लेकर सीएम ने कहा कि मेरे लिए कोई रोक नहीं है रिवर फ्रंट पर जाने की। जब भी जाऊंगा आप सभी को साथ लेकर जाऊंगा।

गहलोत ने पेट्रोल पम्प संचालकों की हड़ताल के लिए केंद्र सरकार को इसका जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा- केंद्र सरकार ने लूट मचा रखी है। ये लोगों को समझना होगा। इसमें स्पेशल एक्साइज ड्यूटी, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और सेस, तीन नए टैक्स लगा दिए हैं। अब वो उम्मीद करते हैं कि हम यहां से वैट घटाएं। उन्होंने गैस में 200 रुपए कम क्यों किए? जब राज्य सरकार 500 रुपए कर सकती है तो केंद्र सरकार क्यों नहीं कर सकती।

केंद्र कराए राजस्थान सरकार की स्कीमों की स्टडी
गहलोत ने कहा- केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना सोशल इकोनॉमिक सर्वे पर आधारित है। हमने पूरे प्रदेश की जनता के लिए चिरंजीवी योजना शुरू की। इससे 93% लोग जुड़ चुके हैं।

उन्होंने कहा- केंद्र सरकार को चाहिए कि वह हमारी स्कीम की स्टडी करवाए। हमारा राइट टू हेल्थ है, चिरंजीवी योजना है। हमारी योजना के लिए केंद्र से केवल 400 करोड़ रुपए मिल रहे हैं जबकि राज्य सरकार 2400 करोड़ दे रही है।

कमेटी बनाई है, जल्दी ही रिपोर्ट आएगी
कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड के बढ़ते मामलों पर गहलोत ने कहा- मैंने तुरंत मीटिंग बुलाई और इस बारे में कमेटी बनाई है। इसकी रिपोर्ट भी जल्दी ही आ जाएगी। एक बच्चे की जिंदगी जाती है तो परिवार को और सभी को दुःख होता है। कमेटी बनाई है। वो हॉस्टल और कोचिंग क्लासेज के माहौल पर जांच कर रही है। इसके अलावा सुझाव मांगे जा रहे हैं।

कोटा अब शिक्षा के साथ टूरिज्म में भी आगे
सीएम ने यूडीएच मंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि ये सिटी पार्क विकास कार्य का अद्भुत नमूना है। डोमेस्टिक और फॉरेन टूरिस्ट आते हैं तो कोटा को फायदा मिलेगा। कोटा के लिए विकास का नया रास्ता खुला है। मैं धारीवाल साहब को बधाई देता हूं। सीएम ने कहा कि सिटी पार्क देखा तो लगा कि यह अद्भुत है।

आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया ने इसे बनाया है जिस रूप में यह डेवलप हुआ है, वह वाकई शानदार है। कोटा अब शिक्षा के साथ टूरिज्म के क्षेत्र में भी आगे है। कोटा ऐसा पहला शहर है जो ट्रैफिक लाइट फ्री शहर है। धारीवाल ने जो काम किए हैं, वह प्रेरणादायक हैं। ऐसा पार्क मुझे नहीं लगता पूरे देश में कहीं होगा। यहां जो विकास हुआ है ऐसा विकास कहीं और नहीं हो सकता है। मैं NSUI में था, तब से कोटा आ रहा हूं। तब और आज के कोटा में बहुत फर्क आ गया।

सिटी पार्क को निहारा
इससे पहले सीएम ने पूरे प्रोजेक्ट को लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से चर्चा की। गहलोत ने मंत्रियों और विधायकों के साथ सिटी पार्क का अवलोकन किया। सीएम ने 1200 मीटर लम्बी नहर में बोटिंग का लुत्फ भी उठाया। इसके बाद सभी मेहमानों और सीएम ने ट्रीमैन स्टैच्यू के नीचे फोटो सेशन करवाया। सीएम गहलोत ने यहां पौधरोपण भी किया।

इस दौरान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, सिरोही विधायक संयम लोढ़ा, RCA प्रेसिडेंट वैभव गहलोत और आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया मौजूद रहे। इसके साथ ही खाद्य मंत्री और कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के मेंबर प्रताप सिंह खाचरियावास, गो पालन मंत्री मंत्री प्रमोद जैन भाया, उद्योग देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत, स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा और सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली भी साथ रहे।

जंगल के बीच से निकल रही नहर
यूआईटी के XEN रविंद्र माथुर ने बताया कि इस पार्क में घने जंगल के बीच से नहर निकल रही है। यहां टावर पर रेस्टोरेंट और कम्युनिटी हॉल भी है। पार्क में शीश महल है और अलग-अलग वैरायटी के फूलों के पौधे हैं। 71 एकड़ में बने इस पार्क को विकसित करने में 100 करोड़ रुपए की लागत आई है। यहां पहले आईएल कॉलोनी हुआ करती थी। ऑक्सीजोन सिटी पार्क में 1200 मीटर की नहर है। इस नहर में हमेशा फिल्टर पानी का ही उपयोग होगा। यहां नहर से जुड़े डक पौंड और झरनों में भी फिल्टर पानी का उपयोग किया जा रहा है। यह नहर पूरे पार्क को कवर करती है और नहर से भी पर्यटक पूरे पार्क का नजारा देख सकेंगे।