बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

विशेष न्यायालय ने देवली-उनियारा विधायक एवं पूर्व डीजीपी हरीश चंद्र मीणा की गवाही के लिए विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को पत्र लिखा है। इसी मामले में उनके नाम वारंट भी जारी किया है। दरअसल कई पेशियों से कोर्ट के तलब किए जाने पर भी वह गवाही देने नहीं आ रहे हैं। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के भरतपुर स्थित विशेष न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है।

जिसमें विधानसभा सदस्य हरीश चंद्र मीणा को छह अक्टूबर को गवाही के लिए कोर्ट में पेश होने का सूचना पत्र उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। विधायक के नाम से वारंट भी जारी किया गया है। जिस पर लाल स्याही से नोट डाल गया है कि तामील नहीं होने पर परिस्थिति बताने के लिए कुनिंदे को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। कोर्ट उन्हें गवाही के लिए अक्टूबर 21 से तलब कर रही है। आखरी सम्मन पर पेश तामील रिपोर्ट में लिखा था कि “गवाह वर्तमान में देवली-उनियारा” टोंक विधानसभा क्षेत्र से विधायक है।

तामील हेतु गवाह के कार्यालय संपर्क कर अवगत कराया गया। तो गवाह के पीए द्वारा गवाह को संपर्क सूत्र पर अवगत कराया गया।” जिसके बाद कोर्ट ने यह कार्यवाही की है। 2009 में तत्कालीन नगर एसएचओ रविन्द्र कुमार और एएसआई आशू खां ने डीग निवासी नसरू मेव से 75 हजार रुपए लिए । एसीबी में शिकायत की सत्यापन में एसएचओ की मौजूदगी में एएसआई ने 15 हजार रुपए लिए। 25 हजार रुपए और मांगे। ट्रेप में एएसआई की मौजूदगी में प्राइवेट आदमी ने रुपए लिए। जिनके खिलाफ डीजीपी रहते मीना ने अभियोजन स्वीकृति जारी की थी।