जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी की मुश्किलें बढ़ सकती है। रोहित जोशी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता की एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट ने रोहित जोशी और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किए हैं।

पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करके रोहित जोशी को मिली अग्रिम जमानत याचिका को कैंसिल करने की मांग की है। एसएलपी में कहा गया है कि रोहित जोशी को जमानत मिलने के बाद पीड़िता पर दो बार जानलेवा हमले हो चुके हैं। वहीं उस पर केस वापस लेने का दबाव भी बनाया जा रहा है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार
पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करके कहा कि हमने तीस हजारी कोर्ट के उस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसमें तीस हजारी कोर्ट ने जून 2022 में रोहित जोशी को अग्रिम जमानत का लाभ दिया था। जुलाई 2022 में दायर हमारी याचिका आज तक लंबित है। हाईकोर्ट की दो बेंच हमारी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर चुकी है।

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने हमारी याचिका को रोहित जोशी की एफआईआर रद्द करने की मांग वाली याचिका के साथ टैग करके सुनवाई के लिए 30 जनवरी 2024 की तारीख दे दी। वहीं जब से रोहित जोशी को अग्रिम जमानत मिली है। पीड़िता पर लगातार केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। पीड़िता पर हमले भी हो चुके हैं।

शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप
पीड़िता ने मई 2022 में मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का मामला दिल्ली के सदर बाजार थाने में दर्ज कराया था। पीड़िता ने अपनी एफआईआर में कहा था कि रोहित ने पहले उससे फेसबुक पर दोस्ती की। फिर उसकी मांग भरकर कहा कि तुम मेरी पत्नी बन गई हो। फिर उसे हनीमून के लिए सवाई माधोपुर लेकर गया, यहां नशीला पदार्थ पिलाकर कई बार रेप किया। गर्भवती होने पर जबरन अबॉर्शन भी करवाया।