जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जयपुर में आज तीसरे दिन भी सरकारी एम्बुलेंस (108 और 104) के कर्मचारियों के हड़ताल जारी रही। इसके एंबुलेंस सेवा प्रभावित रही। इधर हड़ताल के लगातार तीसरे दिन जारी रहने की स्थिति को देखते हुए सरकार की तरफ से एनएचएम की एडिशनल डायरेक्टर ने वार्ता के लिए प्रदर्शनकारियों को बुलाया। जहां वार्ता विफल होने के बाद आंदोलनकारियों का डेलिगेशन वापस लौट आया।

हड़ताल का असर गंभीर मरीजों पर पड़ रहा है। एम्बुलेंस सर्विस नहीं मिलने से मरीज ऑटो, ई-रिक्शा या दूसरे वाहनों से हॉस्पिटल इलाज के लिए पहुंच रहे है। 108 सर्विस की जयपुर समेत प्रदेशभर में 750 एम्बुलेंस संचालित है। राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया- हमारे यहां से 7 लोगों का प्रतिनिधि मंडल आज मुलाकात के लिए एनएचएम के एडिशनल डायरेक्टर के पास पहुंचा था। जहां उन्होंने हमारी बातें सुनी। उन्होंने मांगों को पूरा करने के लिए उच्च पर विचार-विमर्श करने के लिए कहा और वार्ता के लिए हमे दोबारा शाम 4 बजे बुलाया है।

3 हजार मीरजों को रोजाना मिलती है सर्विस
शेखावत ने बताया- राजस्थान में हर रोज करीब 3 हजार मरीजों और गर्भवती महिलाओं को 108 और 104 एंबुलेंस की सेवाएं दी जाती है। इस सर्विस के जरिए ही इन मरीजों को आपातकालीन स्थिति में हॉस्पिटल पहुंचाया जाता है। ​​​​​​उन्होंने बताया कि अकेले जयपुर जिले में ही एसएमएस, जयपुरिया, कावंटिया समेत अन्य सरकारी हॉस्पिटल, सीएचसी, उपजिला हॉस्पिटल में 400 से ज्यादा मरीजों को रोजाना इन एम्बुलेंस की सर्विस दी जाती है।

ये है प्रमुख मांग
शेखावत ने बताया कि एंबुलेंस कर्मचारी पिछले कुछ सालों से ठेका प्रथा खत्म करने, एंबुलेस कर्मचारियों को संविदाकर्मी कमेटी में शामिल करने की मांग लगातार कर रहे है। लेकिन सरकार हमारी सुनवाई नहीं कर रही। पिछले एक महीने से हम प्रदेश के सभी जिलों में ज्ञापन देकर भी अपनी मांग प्रशासन और सरकार के सामने रख चुके है।