जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

पुलिस महकमे में केंद्र की ओर से दिए जाने वाले राष्ट्रपति पुलिस पदक की तर्ज पर अब राज्य सरकार भी मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पदक देगी। 20 साल की बेदाग सर्विस वाले जवान से लेकर आईपीएस अधिकारी तक काे यह पदक दिया जाएगा। साथ ही 10 साल की बेदाग सेवा पर सीएम सराहनीय पुलिस पदक मिलेगा। वहीं, राजस्थान पुलिस विशिष्ट सेवा पदक व पुलिस सेवा पदक से भी सम्मानित किया जाएगा। इन चार तरह के पदकों के संंबंध में गृह विभाग ने एक सितंबर काे नाेटिफिकेशन जारी कर दिया है।

इन सेवा पदकों की घोषणा हर साल राज्य सरकार स्वतंत्रता दिवस पर करेगी और 16 अप्रैल को पुलिस दिवस परेड समाराेह में जवानाें काे सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पदक से हर साल अधिकतम दस जवानों और अधिकारियाें का सम्मान होगा। सीएम सराहनीय पदक के लिए हर साल 40 जवान चुने जाएंगे। राजस्थान पुलिस विशिष्ट सेवा पदक कुल नफरी का 0.025% काे मिलेगा। इसके साथ ही पुलिस सेवा पदक की संख्या कुल नफरी का 0.075% हाेगा। भ्रष्टाचार के आराेप लगे होने पर सरकार पदक जब्त कर लेगी।

सुनहरे रंग के पदक पर प्रदेश का नक्शा, अशोक स्तम्भ और सत्यमेव जयते अंकित

सीएम पुलिस पदक के बीच में प्रदेश का नक्शा बना हाेगा। नक्शे में अशाेक स्तंभ का चिह्न हाेगा। इसके नीचे सत्यमेव जयते व राजस्थान सरकार लिखा हुआ हाेगा। पदक के नीचले भाग सेवार्थ कटिद्धता व अशाेक स्तंभ के ऊपर सीएम उत्कृष्ट सेवा पदक लिखा हुआ हाेगा। पदक सुनहरे रंग में गाेलाकार हाेगा। विभिन्न रेंजाें को याेग्य अधिकारियाें के आवेदन हर साल 31 दिसंबर तक पुलिस मुख्यालय भेजने होंगे।

यहां एक कमेटी आवेदनाें की जांच कर हर साल एक अप्रैल तक राज्य सरकार काे अपनी अनुशंसा भेजेगी। फिर राज्य सरकार तीन सदस्यीय स्थायी समिति का गठन करेगी। जिसमें चीफ सेक्रेटरी अध्यक्ष, डीजीपी व प्रमुख शासन सचिव गृह सदस्य हाेंगे। ये कमेटी पीएचक्यू से आए आवेदनाें का रिव्यू करेगी। इसके बाद इन्हें मुख्यमंत्री काे भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री स्तर पर अनुमाेदन के बाद पदकाें की घाेषणा की जाएगी।

25 साल की बेदाग सेवा पर पुलिस विशिष्ट सेवा पदक; सेवाकाल में एक अधिकारी काे केवल एक बार ही पदक से सम्मानित किया जाएगा। सीएम सराहनीय सेवा पदक मिलने के छह साल बाद ही सीएम उत्कृष्ट सेवा पदक के लिए आवेदन किया जा सकेगा। पुलिस विशिष्ट सेवा पदक के लिए 25 साल की बेदाग सेवा हाेना जरूरी है। चयन में एससी-एसटी, महिला और अल्पसंख्यकों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।

आपराधिक या एसीबी में किसी प्रकरण में भी नामजद हुए ताे अयाेग्य; सेवा काल में आपराधिक मामले में या एसीबी में किसी मामले में नामजद होने पर पदक के लिए अयाेग्य माना जाएगा। साथ ही विभागीय जांच लंबित नहीं हाेनी चाहिए। पदक लेने से पहले के 10 वर्ष का मूल्यांकन उत्कृष्ट हाेना चाहिए। पदक मिलने के बाद अगर विभाग की ओर से तीन बार 17-सीसीए से दंडित किया गया ताे पदक वापस लिया जाएगा।