कोटा ब्यूरो रिपोर्ट। 

कोटा में कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड मामलों को देखते हुए कोटा में स्टेट की टीम का सर्वे चल रहा है। टीम आज अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप सकती है। इधर, जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने सुसाइड मामलों को लेकर स्टूडेंट्स के नाम एक लेटर जारी किया है। उन्होंने लिखा है कि एक रास्ता बंद होने से कुछ नहीं होता, और भी रास्ते हैं जो तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं। कलेक्टर ने लेटर में लिखा- आज जैसे ही मुझे सूचना मिली कि एक और छात्र ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली, मन व्यथित हो गया।

आंख नम हो गई। मैं चिंतित हूं कि ऐसा क्या हुआ? तुम तो चले गए। पर जाने से पहले यह तो सोचते कि तुम्हारे माता-पिता पर क्या गुजरेगी, जो तुम्हारे सपने पूरा करने के लिए अपना सर्वस्व तुम पर न्योछावर करना चाहते थे।


रैंकिंग क्या गिरी, तुमने अपने आप को टूटा हुआ मान लिया

अपनी मंजिल पाने के लिए तुम भी तो बहुत मेहनत करते हो, पर एक रास्ता बंद होने पर कई और रास्ते तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं। एक टेस्ट की रैंकिंग क्या गिरी, तुमने अपने आप को टूटा हुआ मान लिया। हमेशा तनाव ग्रस्त रहने लगे। हॉस्टल की चारदीवारी में अपने आप को कैद कर लिया? बस यही सोचते रहे कि अब कुछ नहीं हो सकता। कोई एक असफलता आपके व्यक्तित्व का पैरामीटर नहीं है।

एक बार बाहर आकर तो देखो क्या नहीं है मेरे शहर में। दुनिया का खूबसूरत रिवर फ्रंट, चंबल की उठती हुई लहरें, सुंदरतम बाग-बगीचे... हर चौराहा आपके स्वागत को आतुर है। कभी-कभी तो मैं खुद तुम्हारे चेहरे पर हंसी देखने के लिए संगीत में मस्त हो जाता हूं। इस शहर में तुम अकेले नहीं हो।

मैं हूं ना, हर छात्र -छात्रा के लिए, मेरा घर- मेरा ऑफिस हमेशा खुला है। मैंने संडे को फन-डे बनाने का फैसला लिया। उस दिन सिर्फ तुम्हारे साथ संगीत की सुरमई शाम होगी। न कोई टेस्ट का झंझट, बस मस्ती और मस्ती... योग भी तो कर सकते हो, ताकि अपने आप को तरोताजा महसूस कर सको। आपकी कोई भी समस्या हो मुझे बेहिचक स्टूडेंट हेल्पलाइन कोटा पर लिखकर भेज दें। समस्या का समाधान करने की जिम्मेदारी मेरी और मेरी टीम की है।