भीलवाड़ा ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान के राजस्व मंत्री रामलाल जाट सहित 5 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और चोरी का मामला दर्ज किया गया है। राजसमंद के माइनिंग व्यवसायी परमेश्वर का आरोप है कि करोड़ों रुपए की ग्रेनाइट माइंस में 50 प्रतिशत शेयर मंत्री ने अपने छोटे भाई के बेटे और उसकी पत्नी के नाम करवाए थे। इसके बदले 5 करोड़ रुपए देने का वादा किया था, लेकिन कागज नाम होने के बाद रुपए नहीं दिए गए।

17 सितंबर को दर्ज हुआ मामला

भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में 17 सितंबर को मांडल (भीलवाड़ा) कोर्ट के आदेश पर थाना प्रभारी ओम प्रकाश गोरा ने FIR दर्ज की थी। रिपोर्ट में ज्ञानगढ़ निवासी पूरणलाल पुत्र मन्नु गुर्जर, अंटाली प्रतापपुरा निवासी सूरज जाट, अंटाली निवासी महिपाल सिंह, प्रतापपुरा निवासी रामलाल जाट, प्रतापपुरा निवासी महावीर प्रसाद पुत्र रामस्वरूप चौधरी का नाम है। खास बात है कि रिपोर्ट दर्ज होने के दूसरे दिन ही थाना प्रभारी ओम प्रकाश का ट्रांसफर हो गया। उनके ट्रांसफर को भी इस मामले से जोड़कर देखा जा रहा है।

मांइस कंपनी का रजिस्ट्रेशन किसी और के नाम
माइनिंग व्यवसायी राजसमंद के गडबोर निवासी परमेश्वर पुत्र रामलाल जोशी ने पुलिस को रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में बताया कि वह करेड़ा के रघुनाथपुरा में मैसर्स अरावली ग्रेनि मार्मो प्रा.लि नाम से ग्रेनाइट मांइस का काम करता है। माइंस में वह डायरेक्टर और शेयर होल्डर है। इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन श्याम सुंदर गोयल व चंद्रकांत शुक्ला के नाम से है। जिस समय कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ था, उस समय परमेश्वर श्याम सुंदर व चंद्रकांत से 10 करोड़ रुपए मांगता था। इसके चलते इन दोनों ने माइंस के 50 प्रतिशत शेयर परमेश्वर व उसकी पत्नी भव्या जोशी के नाम पर कर दिए थे।

रिश्तेदारों के नाम करवाए शेयर
आरोप है कि बाकी के 50 प्रतिशत शेयर का सौदा श्याम सुंदर व चंद्रकांत ने मंत्री रामलाल जाट से कर दिया। रामलाल जाट ने माइंस के शेयर अपने रिश्तेदार मोना चौधरी व सुरेश जाट के नाम पर करवा दिए। इन शेयर के पैसे मंत्री को देने थे। परमेश्वर (माइनिंग कारोबारी) श्याम सुंदर व चंद्रकांत से 5 करोड़ रुपए और मांगता था। इन दोनों ने बकाया 5 करोड़ रुपए शेयर खरीदने वाले रामलाल जाट से लेने के लिए कहा था।

मंत्री ने रुपए देने से किया इनकार
आरोप है कि मंत्री ने परमेश्वर से शेयर के कागज ट्रांसफर होते ही 5 करोड़ रुपए देने का वादा किया था। 50 प्रतिशत शेयर मोना व सुरेश जाट के नाम ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद परमेश्वर ने 5 करोड़ रुपए मंत्री से मांगे। मंत्री ने साफ इनकार कर दिया। 2 करोड़ रुपए देने का आश्वासन दिया। वो 2 करोड़ रुपए भी नहीं मिले।

कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज
परमेश्वर का आरोप है कि रुपए नहीं मिले तो आपत्ति की। इस पर मंत्री भड़क गए। अपने राजस्व मंत्री पद पर होने की बात कहते हुए धमकाया। इसके बाद 17 जून 2022 को माइंस पर काम कर रहे लेबर को वहां से डराकर भगा दिया। कोर्ट के आदेश पर करेड़ा (भीलवाड़ा) पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है। जांच चल रही है। इधर, इस मामले में मंत्री और एसएचओ दोनों से बात करने का प्रयास किया गया। दोनों ने कॉल रिसीव नहीं किया।