जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

केंद्रीय कैबिनेट ने सदन में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके लिए किए जाने वाले संविधान संशोधन का असर राजस्थान विधानसभा पर भी पड़ने वाला है।

राजस्थान में वर्तमान में 200 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें एससी की 34 और एसटी की 25 सीटें हैं। ऐसे में विधानसभा की कुल सीटों में से 66 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। यही नहीं, एससी और एसटी की आरक्षित सीटों में से 33-33 प्रतिशत सीटें यानी एससी की 11 से 12 और एसटी की 8 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी।

मौजूदा विधानसभा में केवल 27 सीटों पर महिलाएं हैं, जिनमें एससी की सीटों पर 8 और एसटी की सीटों पर सिर्फ 3 महिलाएं काबिज हैं। इससे पहले 2008 में 26 विधायक महिलाएं थीं। दूसरी ओर राजस्थान से लोकसभा की 25 सीटों में से 8 या 9 सीटें और राज्यसभा की 10 सीटों में से 3 या 4 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो सकेंगी।

राज्यसभा के वरिष्ठ सांसद घनश्याम तिवारी का कहना है कि देश में लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के साथ ही देशभर की विधानसभाओं और विधान परिषदों में यह लागू हो जाएगा। इसके लिए पीपल्स रिप्रजेन्टेटिव्स एक्ट में संशोधन करना होगा। देश की मौजूदा विधानसभाओं में कुल 10 प्रतिशत महिलाएं हैं। वहीं, मौजूदा लोकसभा में 15 प्रतिशत महिला सांसद हैं। जबकि पहली राजस्थान की पहली विधानसभा में केवल 7 महिलाएं जीतकर आईं थीं। पहली लोकसभा में केवल 3 प्रतिशत महिलाएं चुनी गईं। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि इस फैसले से प्रदेश की महिलाओं का गौरव बढ़ेगा और उन्हें प्रदेश की राजनीति में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने के अवसर बनेंगे। यह नीतिगत फैसला है।

कई बड़े नेताओं की चुनावी गणित बिगड़ेगी

संविधान संशोधन के साथ ही जैसे ही राजस्थान विधानसभा में सीटों पर महिलाओं का आरक्षण लागू होगा, तो इससे प्रदेश के विधायकों और दावेदारों का गणित बनता-बिगड़ता रहेगा। ऐसी सीटें जहां दिग्गज या आमतौर पर लगातार जीतने वाले नेता काबिज हैं, यदि वह महिला सीट होगी तो उनके लिए दावा जताने के लिए सीट की खोज मुश्किल हो सकती है। इनके अलावा उन सीटों पर महिलाओं के मौके बढ़ जाएंगे। राज्य की 66 सीटों पर ही नहीं, महिलाओं के लिए अनारक्षित सीटों पर भी महिला प्रत्याशी मैदान में उतर सकती हैं, ऐसे में न्यूनतम 66 महिलाएं तो सदन में पहुंचेंगी ही, इनकी संख्या उससे भी अधिक हो सकती है।

महिला आरक्षण का प्रदेश पर असर...

एससी की सीटों में 11 से 12 और एसटी की 8 सीटें महिलाओं के खाते में होंगी

अभी सिर्फ 27 महिलाएं, जिनमें भी दो उपचुनाव में जीतकर सदन में पहुंचीं