अजमेर ब्यूरो रिपोर्ट।
विश्व प्रसिद्ध एवं पवित्र अजमेर शरीफ़ स्थित  ग़रीब नवाज़ ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के 800 वर्ष पुराने और भव्य समा-ख़ाने  में आयोजित 7 दिवसीय इस समारोह में देश के विभिन्न प्रान्तों से आए लगभग 50 कलाकारों  ने भाग लिया ,स्थानीय तथा  विश्व के 32 देशों के प्रसिद्ध कलाकारों की लगभग 500  कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया तथा सूफ़ी कलाओं पर वर्कशॉप्स का आयोजन हुआ।
हाजी महमूद शेख़ और अज़ीम मेमन के निर्देशन में आयोजित कार्यक्रम के इन 7 दिनों में विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों के अलावा लगभग साढ़े तीन लाख लोगों ने इस प्रदर्शनी को देखा।
रबी उल अव्वल के पवित्र माह के इन सात दिनों में क़व्वाली, नातिया मुशायरा और पवित्र क़ुरआन के पाठ आदि के कार्यक्रम रखे गए जिसमें दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी ।
अजमेर शरीफ़ दरगाह के गद्दी नशीन हाजी सलमान चिश्ती इस विशाल एवं भव्य कार्यक्रम का आयोजन चिश्ती फ़ाउंडेशन के तहत पिछले 15 वर्षों से करते आ रहे हैं। अब तक इस कार्यक्रम में पूरी दुनिया के  हज़ारों केलिग्राफ़र, सूफ़ी गायक,कवि ,शायर एवं विचारक भाग ले चुके हैं।
समारोह के अंतिम दिन पंजाब के डॉ. विशाल कालरा को उनकी सम्पूर्ण मानव जाति की सेवा हेतु अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
साथ ही "सर्व धर्म मैत्रेयी संस्था " अजमेर का भी सम्मान किया गया।
चिश्ती फ़ाउंडेशन के विशेष सलाहकार मक़सूद अली ख़ान ने कार्यक्रम  का संचालन किया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में हाजी सलमान चिश्ती ने सभी आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जो व्यक्ति समर्पित हो कर मानव और समाज की सेवा और उन्नति में सक्रिय रूप से जुट जाता है वही सूफ़ी है।
और जो  व्यक्ति , सब को खुले दिल से बिन किसी धर्म-जाति रंग तथा सांस्कृतिक भेदभाव के  गले लगाता है , वो चिश्ती है।
"प्रेम सभी के लिये , द्वेष किसी के लिये नहीं"
यही चिश्तिया परंपरा सैंकड़ों सालों से यहां निभाई जा रही है।
समापन समारोह में सभी कलाकारों एवं मेहमानों का दस्तारबन्दी कर सम्मान किया गया एवं मेमेंटो प्रदान किये गए।
समारोह में शहर के गणमान्य नागरिकों, प्रशासन तथा पुलिस के अधिकारियों के अतिरिक्त दरगाह शरीफ़ के वरिष्ठ ख़ुद्दाम हज़रात, अंजुमन सय्यदज़ादगान, शेखज़ादगान, अंजुमन सदर सैयद हाजी ग़ुलाम किबरिया चिश्ती, सैय्यद मुनव्वर चिश्ती, सैय्यद हसन हाशमी, सैय्यद गफ़्फ़ार क़ाज़मी, सैय्यद ज़हूर बाबा , सैय्यद फ़रीद चिश्ती, सैय्यद मेहराज  चिश्ती, सैय्यद फ़ुज़ैल हुसैन चिश्ती, सैय्यद आफ़्शान चिश्ती, सैय्यद वसीम चिश्ती  तथा दरगाह कमेटी के कई ओहदेदारान शामिल रहे।
आगंतुक सभी कलाकारों ने  चादर  चढ़ा कर अपनी ख़िराज -ए-अक़ीदत पेश की।