जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने 15 सूत्री मांगे नहीं मानने पर आज जयपुर में प्रदर्शन किया। शहीद स्मारक पर आज उपवास रखने के बाद महासंघ से जुड़े कर्मचारियों ने धरना दिया। इस दौरान सभी ने 24 सितम्बर को काले कपड़े पहनकर वाहन रैली निकालने का निर्णय किया।

महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष महावीर शर्मा ने बताया- राज्य सरकार महासंघ की मांगों को लेकर लगातार उपेक्षा कर रही है। कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले अपने घोषणा पत्र में जो वादे किए और सत्ता में आने के बाद कैबिनेट की जो पहली बैठक हुई। उसमें लिए निर्णयों पर अब तक कोई अमल नहीं किया। इसके कारण प्रदेश के लाखों कर्मचारियों में रोष है।

शर्मा ने बताया- सरकार केवल कर्मचारियों के वेलफेयर का माहौल बना रही है, जबकि सच्चाई ये है कि अब तक कई संवर्ग की वेतन विसंगतियों को दूर नहीं किया। लाखों संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया, लेकिन नियमित तो किया नहीं बल्कि नए कानून बनाकर कर्मचारियों को गुमराह कर दिया।

इसे देखते हुए हमने आज ये धरना दिया है। उन्होंने बताया कि हम 24 सितम्बर को सभी जिला मुख्यालयों पर काले पकड़े पहनकर सरकार के खिलाफ वाहन रैली निकालेंगे। इसके बाद 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन राजधानी जयपुर में एक बड़ी वाहन रैली निकाली जाएगी। इसमें सभी लोग काले कपड़े पहनेंगे।

ये है प्रमुख मांगे

  • कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करके साल 2013 की अनुसूची 5 के तहत सातवें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन निर्धारित किया जाए और कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए दिया जाए।
  • 9, 18, 27 के स्थान पर 7, 14, 21 और 28 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति करते हुए वेतनमान दिया जाए।
  • थर्ड ग्रेड टीचर्स के ट्रांसफर किए जाए और सभी कर्मचारियों के ट्रांसफर की पारदर्शी पॉलिसी बनाकर लागू की जाए।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों का ग्रामीण भत्ता स्वीकृत किया जाए।
  • प्रदेश में लागू पुरानी पेंशन स्कीम के बाद कर्मचारियों के एनपीएस में कटौती की गई राशि को जीपीएफ खाते में ट्रांसफर की जाए।
  • प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय के समान वेतन भत्ते स्वीकृत किए जाएं।
  • पेंशनर्स की पेंशन डायरी की लिमिट 10 से बढ़ाकर 20 हजार की जाए।