बीकानेर ब्यूरो रिपोर्ट।
खाजूवाला और छतरगढ़ उपखंड को बीकानेर जिले में यथावत रखने की मांग को लेकर बुधवार को अनाज मंडी पूर्णतया बंद रही। मंडियों में बोली नहीं लगी इससे जिले में करीब 70 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ। वहीं खाजूवाला और छत्तरगढ़ का बाजार पूर्णतया बंद रहा। जिंसों की बोली नहीं हुई। बीकानेर पक्की आढ़त व्यापार संघ के पदाधिकारियों ने भी अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखकर खाजूवाला बंद का समर्थन किया। हालांकि शहर के मुख्य बाजार में बंद का मिलाजुला असर दिखाई दिया। कच्ची आढ़त व्यापार संघ के अध्यक्ष जय दयाल डूडी ने बताया कि बुधवार को किसी भी जिंस की बोली नहीं लगी।
जिले की सभी मंडियों में कारोबार बंद रहा। डूडी ने बताया कि खाजूवाला और छतरगढ़ उपखंड को अनूपगढ़ में शामिल किए जाने से जिले के किसानों सहित आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। मंडी में रोजाना मोठ के करीब 4 हजार, सरसों के 15 सौ, गैहूं के 1500 से 2000 कट्टों तथा मूंगफली की करीब 1500 से 2000 बोरी की आवक होती है। पक्की आढ़त व्यापार संघ के अध्यक्ष जयकिशन अग्रवाल ने बताया कि बंद के समर्थन में पक्की आढ़त व्यापार से जुड़े कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखकर अपना विरोध जाहिर किया। बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के अध्यक्ष मनमोहन कल्याणी ने बताया कि बंद से बुधवार को शहर में 50 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है।
खाली बैठे रहे मंडी के पल्लेदार
अनाज मंडी में जिंसों की बोली नहीं होने से मंडी के पल्लेदारों और वाहन चालकों को भी आर्थिक नुकसान हुआ। पल्लेदार दिनभर अनाज मंडी में खाली बैठे दिखाई दिए। कच्ची आढ़त व्यापार संघ के अध्यक्ष जय दयाल डूडी ने बताया कि खाजूवाला और छतरगढ़ उपखंड को बीकानेर जिले में यथावत रखने की मांग को लेकर खाजूवाला सहित जिलेभर के व्यापारिक संगठन विरोध कर रहे हैं। पूर्व में भी खाजूवाला बंद रखकर वहां के किसान और व्यापारी विरोध कर चुके हैं। सरकार को समय रहते किसान और आमजन हित में फैसला लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री से मिलेंगे खाजूवाला-छत्तरगढ़ के लोग
दोनों तहसीलों में दिनभर धरना-प्रदर्शन होते रहे। तहसीलों में दुकानों के ताले ही नहीं खुले। दोनों जगहों पर एसडीएम और तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा गया। वहीं खाजूवाला से एक प्रतिनिधिमंडल सीएम अशोक गहलोत के 29 सितंबर को बीकानेर दौरे के दौरान उनसे मिलेगा। वहीं खाजूवाला बचाओ संघर्ष समिति ने यह चेतावनी दी है कि अगर खाजूवाला को वापस बीकानेर में शामिल नहीं किया गया तो इसके नतीजे सरकार को चुनाव में भुगतने पड़ेंगे।
वहीं खाजूवाला के साथ पूगल, छत्तरगढ़, दंतौर, श्रीडूंगरगढ़, लूणकरणसर, बज्जू, कोलायत, बीकानेर कच्ची आढ़त व्यापार संघ, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल, दी बीकानेर वूल एवं अनाज ट्रेडर्स संस्था ऊन व अनाज मंडी पूगल रोड़ बीकानेर के व्यापारियों ने भी खाजूवाला आंदोलन व बाजार बंद के साथ अनाज मंडियां में जिंसों की बोली नहीं कर समर्थन दिया। विरोध में 52 वें दिन बीकानेर सहित 11 अनाज मंडियों में बोली नहीं लगी। बाजार बंद रहने आम लोगों को भी कई तरह की परेशािनयों का सामना करना पड़ा।
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