जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जोधपुर में पौधे उखाड़ने पर शुक्रवार सुबह से रात तक बवाल चलता रहा। दो पक्षों ने एक-दूसरे पर जमकर पथराव किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। पथराव में 20 लोगों को चोट आई। घायलों को मथुरादास माथुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। मामला जोधपुर के झंवर इलाके का है।

पुलिस के मुताबिक सरकारी जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद चल रहा है। एक पक्ष ने यहां मां अमृता देवी उद्यान का बोर्ड और पौधे लगाकर अपना दावा किया तो दूसरा पक्ष इसे अपनी गोचर भूमि बता रहा है। गुरुवार रात किसी ने पौधे और ट्री गार्ड हटा दिए, जिससे शुक्रवार सुबह इलाके में तनाव हो गया। सुबह 9 बजे के करीब दोनों पक्ष के कुछ लोग आमने-सामने हो गए और मारपीट हो गई।

इसके बाद दिनभर तनाव की स्थिति रही। दोपहर में लूणी से पूर्व विधायक मलखान सिंह ने दोनों समाजों के साथ बैठकर सहमति बनाने की कोशिश की। जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की ओर से तय किया गया कि हटाए गए पौधे और ट्री गार्ड वापस लगा दिए जाएं। इस पर दूसरे पक्ष ने विरोध कर दिया।

पुलिस ने आसूं गैस के 4 गोले दागे

बोरानाडा एसीपी जयप्रकाश ने बताया कि शाम 4 बजे दोनों पक्षों के सैकड़ों लोग जोधपुर-जैसलमेर हाईवे पर पूनिया की प्याऊ में जुट गए। जेडीए को रोकने की बात पर एक पक्ष ने दूसरे पर पथराव कर दिया। हाईवे को रोकने की कोशिश भी की गई। टायर जलाकर प्रदर्शन किया गया।

पथराव के बाद पुलिस ने मौजूद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए शाम 4.30 बजे आंसू गैस के 4 गोले दागे। इस पूरे घटनाक्रम में दोनों पक्षों के करीब 20 लोग घायल हुए हैं।

शुक्रवार देर रात एक बार फिर माहौल बिगड़ गया। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और भगा दिया। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को एक बार फिर आंसू गैस के गोले दागने पड़े। बताया जा रहा है की एक ग्रामीण ने उस गोले को हाथ में उठाकर पुलिस पर फेंकने की कोशिश की। ये गोला उसके हाथ में ही फट गया। मौके पर तनाव के हालात बने हुए हैं।

रात में पौधे, ट्री गार्ड हटाने से तनाव

झंवर थाना इंचार्ज शकील अहमद ने बताया कि पूनिया की प्याऊ में सरकारी जमीन पर दावे को लेकर दो पक्षों के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है। एक पक्ष ने यहां पौधे लगाकर अमृता उद्यान का बोर्ड लगाया है और दूसरा इसे गोचर भूमि बताया है।

विवाद - गोचर जमीन या अमृता उद्यान

विश्नोई समाज का दावा है कि यह जमीन अमृता उद्यान है। जमीन पर समाज के लोगों ने पौधारोपण कर अमृता उद्यान का बोर्ड लगा दिया था।

इस पर गांव के लोगों ने इसका विरोध किया और कहा कि यह जमीन गांव की गोचर भूमि है, इस पर कब्जा किया जा रहा है। मामला कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश दिया। दो सप्ताह पहले जेडीए की टीम जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने गए तो विवाद हो गया।