अलवर ब्यूरो रिपोर्ट।
अलवर के राजकीय प्रवेशिका संस्कृत स्कूल न्याणा किशनगढ़बास के स्कूल के 10वीं कक्षा के सब स्टूडेंट्स फेल हो गए। कक्षा 10वीं में 11 स्टूडेंट्स थे। जिनमें से 10 फेल और 1 सप्लीमेंट्री आया है। रिजल्ट का पता चलने पर ग्रामीणों ने विरोध जताया है। खास बात यह है कि इस स्कूल में 10वीं कक्षा का यह पहला बैच था। स्कूल के क्रमोन्नत होने के बाद पहला बैच पूरा फेल हो गया।
समसुद्दीन ने कहा- टीचर नहीं पढ़ा रहे
दसवीं का रिजल्ट आने के बाद ग्रामीण समसुद्दीन महमूद, हनीफ, जमेशद ने कहा कि स्कूल के सब बच्चे फेल हो गए। अधिकतर बच्चे मेव समाज के थे। टीचर स्कूल में पढ़ाते नहीं थे। बच्चों से पता चला है कि केवल एक-दो कक्षा ही बच्चों की लगती थी। बाकी टीचर अपनी मस्ती में रहते थे। बच्चे स्कूल के बाहर जोेहड़ पर चले जाते थे। कोई सुनने वाला नहीं था। अब रिजल्ट आने पर कोई जवाब देने वाला नहीं है। जिससे ग्रामीणों में गुस्सा है।
बच्चे भी बोले टीचर नहीं पढ़ाते थे
स्कूल के छात्र दिलशाद, अलफेज, दिलशाद हनी, रफीक, सुबेद्दीन ने गांव वालों को बताया कि सुबह स्कूल जाने के बाद एक कक्षा लगती थी। इसके बाद बच्चे जोहड़ के पास आ जाते थे। वहीं समय पास करते थे। पढ़ाने का कोई दबाव नहीं था। बच्चे भी बाहर खेलते रहते थे। जबकि स्कूल में 6 टीचर हैं। यह स्कूल किशनगढ़बास में नौगांवा रोड पर करीब 10 किलोमीटर दूर है। स्कूल में 150 बच्चे हैं। पहली बार दसवीं का बैच था। हेड मास्टर कैलाश चंद, टीचर त्रिलोक, मैडम लक्की, अजीत सिंह व मस्तराम हैं।
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