डूंगरपुर-प्रवेश जैन।
डूंगरपुर जिले के राजकीय बालिका छात्रावास बांसिया में बीती रात एक छात्रा की तबियत अचानक खराब हो गई। छात्रा के जोर-जोर से रोने की आवाज सुनकर अन्य छात्राएं उठ गई और बीमार छात्रा के पास पहुचकर उसकी सुध ली। बीमार छात्रा ने रोते हुए बताया कि उसके पेट मे खूब दर्द हो रहा है। इधर अन्य छात्राओं पीड़ित छात्रा को अस्पताल ले जाने के लिए जब वार्डन को उठाने का प्रयास किया तो पता चला कि होस्टल की वार्डन कलावती मनात, कोच ओर चौकीदार दशरथ बरंडा सभी नदारद थे वही होस्टल के दोनों दरवाजो पर भी ताला लगा हुआ था। इसके बाद घबराई छात्राएं होस्टल की छत पर चढ़ी ओर मदद के लिए चिल्लाने लगी। छात्राओं के चिल्लाने की आवाज सुनकर नजदीक रहने वाली उप सरपंच देविका डामोर ओर समाजसेवी गुणवत कलाल सहित ग्रामीण होस्टल पहुचे। लेकिन होस्टल पर ताला लगा होने से वे बाहर ही खड़े रहे। इसके बाद ग्रामीणों ने एसडीएम ओर तहसीलदार को सूचना देकर ताला तोड़ दिया ओर पीड़ित छात्रा को निजी वाहन से सीमलवाड़ा अस्पताल पहुचाया। सूचना मिलने पर काफी देर बाद चौकीदार दशरथ शराब के नशे में धूत होकर हॉस्टल पहुंचा। जिसका बच्चियों ने जमकर विरोध किया। बच्चियों ने तीनों स्टाफ को हटाने की मांग की है। सूचना पर जनजाति विभाग अधिकारी रणछोड़ लाल डामोर भी पहले अस्पताल पहुंचे जिसके बाद हॉस्टल पहुंचे लेकिन चौकीदार हॉस्टल से भाग गया।फिलहाल बीमार छात्रा का अस्पताल में इलाज चल रहा है उसकी हालत में सुधार है वही होस्टल वार्डन, कोच ओर चौकीदार के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
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