भरतपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र के आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में अवैध खनन बंद करने की मांग को लेकर चल रहा धरना-प्रदर्शन बुधवार शाम को समाप्त हो गया। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने साधु-संतों को उक्त क्षेत्र को 15 दिन में वन क्षेत्र घोषित करने का आश्वासन दिया है। विश्वेंद्र सिंह के इसी आश्वासन के साथ साधु-संतों ने आंदोलन समाप्त कर दिया। मंत्री विश्वेंद्र सिंह, जिला कलेक्टर आलोक रंजन और अन्य प्रशासनिक अधिकारी धरना स्थल पासोपा पहुंचे। यहां पर पर्यटन मंत्री ने सभी साधु-संतों से समझाइश की। वहीं जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने सरकारी आदेश को सभी साधु-संतों और ग्रामीणों के समक्ष पढ़कर सुनाया।कलेक्टर रंजन ने सरकार के निर्देश पर जारी किए गए आदेशों को पढ़कर सुनाया कि 15 दिन में आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र को सीमांकित कर वन क्षेत्र घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी। सरकार आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में संचालित वैध खदानों को अन्य स्थान पर पुनर्वासित करने की योजना बनाएगी। जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने बताया कि राजस्थान सरकार अपने देवस्थान विभाग, पर्यटन और वन विभाग से विचार विमर्श करेगी। ताकि इस पूरे क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा सके। आलोक रंजन ने बताया कि यह समस्त कार्य राज्य सरकार द्वारा 2 माह में पूरे कर लिए जाएंगे। जिला कलेक्टर द्वारा राज्य सरकार के निर्देश पर आदेश पढ़ने के बाद सभी साधु-संतों ने धरना समाप्त कर दिया। उधर आरबीएम जिला अस्पताल में से झुलसे हुए बाबा विजायदास को जयपुर रेफर कर दिया। अस्पताल पीएमओ डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि अस्पताल में बर्न आईसीयू की सुविधा उपलब्ध नहीं होने की वजह से उन्हें बेहतर उपचार के लिए जयपुर रेफर किया गया है।
0 टिप्पणियाँ