कोटा-हंसपाल यादव।
संस्कार से सफलता तक के पथ पर आगे बढ़ रहा एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट विद्यार्थियों के हित में सदैव समर्पित रहा है। एक बार फिर एलन ने ऐसे विद्यार्थी का जीवन बनाने की जिम्मेदारी उठाने की घोषणा की है। जिसका परिवार अभावों में जी रहा है और वो पढ़-लिखकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) बनना चाहता है। एलन के निदेशक बृजेश माहेश्वरी ने पहल करते हुए बिहार के बालक सोनू कुमार का कॅरियर संवारने की घोषणा की है। माहेश्वरी ने बताया कि कुछ दिन पूर्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के साथ बालक के संवाद का वीडियो नजर में आया। कक्षा 5 में अध्ययनरत 11 साल के बच्चे की जीजीविशा और आगे बढ़ने की ललक देखते ही बनी। छोटी उम्र में तेज दिमाग और लक्ष्य के प्रति अडिग दिख रहे सोनू को एलन ने गोद लेने का फैसला किया है। हम इस बालक का कॅरियर बनाएंगे। इसकी पढ़ाई पर होने वाले पूरे खर्च को एलन उठाएगा। उसकी शिक्षा में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी। इस संबंध में शुक्रवार रात को सोशल मीडिया पर मैसेज जारी किया था, इसके बाद सोनू के परिवारजनों से बात भी हो गई। उन्होंने इसके लिए स्वीकारोक्ति भी दी है। एलन चाहता है कि प्रतिभावान बच्चों के सपने नहीं टूटें, धन या संसाधनों की अनुपलब्धता के चलते वे रुके नहीं।
प्रेसवार्ता के दौरान सोनू से निदेशक बृजेश माहेश्वरी लाइव जुड़े और परिजनों के साथ बातचीत की। इस अवसर पर सोनू को कोटा आकर पढ़ने के लिए भी ऑफर किया गया, जिस पर सोनू ने कहा कि वो परिवार के साथ कोटा आकर देखेगा। इसके साथ ही सोनू ने कहा कि पढ़ाई मातृ भाषा में होनी चाहिए। क्योंकि हिन्दी में पढ़ाई होती है तो हम आसानी से समझ जाते हैं। इस पर बृजेश माहेश्वरी ने कहा कि आपकी पढ़ाई हिन्दी माध्यम में ही करवाएंगे। सोनू के परिजनों ने कहा कि इसकी पढ़ाई होती है तो ये जरूर सपने पूरे करेगा। सोनू बिहार के नालंदा जिले के छोटे से गांव का निवासी है। सोनू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने की इच्छा भी जाहिर की। माहेश्वरी ने कहा कि मैं देश के सभी सक्षम लोगों से अनुरोध करता हूं कि इस तरह के बच्चों की मदद के लिए आगे आएं। क्योंकि शिक्षा सभी का हक है और बच्चों को मिलना चाहिए। शिक्षा से बड़ा कोई दान नहीं हो सकता। ऐसा पहली बार नहीं है, एलन के शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक सरोकार बरसों से जारी है। सरकारी स्कूलों की प्रतिभाओं की बात हो या निर्धन परिवारों की प्रतिभाएं, देश सेवा में तैनात सेना व शहीद परिवार के बच्चे हों या कोविड में माता-पिता खो चुके परिवारों की बालक-बालिकाएं एलन ऐसे हजारों बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करवा रहा है और उनके सपनों को सच करने के लिए प्रयासरत है। बृजेश माहेश्वरी ने बताया कि एलन द्वारा टैलेंटेक्स, एलन चैम्प के माध्यम से भी प्रतिभावान बच्चों को शिक्षा के लिए सपोर्ट किया जाता है। वहीं एलन में प्रवेश के समय एलन स्कॉलरशिप एडमिशन टेस्ट (ए-सेट) के माध्यम से स्टूडेंट्स की योग्यता को परखा जाता है और 90 प्रतिशत तक फीस में रियायत दी जाती है। इसके साथ ही एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा निर्धन परिवारों के प्रतिभावान विद्यार्थियों के सहयोग के लिए शुल्क में रियायत दी जाती है। यह रियायत 10 से 90 प्रतिशत तक हो सकती है। स्टूडेंट्स की वास्तविक स्थिति के आंकलन के लिए एक अलग से सुविधा दी गई है।
कोविड प्रभावित परिवारों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा कोविड की द्वितीय लहर में अपने परिजनों को खो चुके बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा की घोषणा भी की गई। इसके तहत पूरे भारत में कोविड के चलते माता-पिता को खोने वाले विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है।
शहीदों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा देश की रक्षा में समर्पित सैनिकों के जज्बे को नमन करते हुए शहीदों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है। देश में पुलवामा, करगिल व अन्य युद्धों में या सीमा की रक्षा करते समय शहीद हुए सैनिकों के बच्चों को शौर्य छात्रवृत्ति देते हुए निशुल्क शिक्षा दी जा रही है। पुलवामा शहीदों के बच्चों के आवास व भोजन की व्यवस्था भी देखी जा रही है। इसके अलावा सेना में कार्यरत या सेवानिवृत्त जवानों के बच्चों को भी रियायती शुल्क पर शिक्षा दी जा रही है।
गुदड़ी के लाल स्कॉलरशिप।
एलन द्वारा गुदड़ी के लाल स्कॉलरशिप के तहत भी विद्यार्थियों की मदद की जाती है। इस स्कीम के तहत इंजीनियरिंग व मेडिकल में ग्रेजुएशन प्रोग्राम की पढ़ाई करने वाले निर्धन परिवार के प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्रतिमाह चार वर्ष तक स्कॉलरशिप दी जाती है।
कई राज्यों में आशा प्रोजेक्ट के माध्यम से सरकारी स्कूलों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा निर्धन परिवारों के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को निशुल्क कोचिंग देने की शुरूआत की गई। इसके तहत राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। देश के कई अन्य राज्यों को इस संबंध में प्रस्ताव दिया हुआ है और यह संख्या बढ़ रही है।
आदिवासी बच्चों को निशुल्क शिक्षा।
राजस्थान सरकार के आदिवासी क्षेत्र विकास विभाग के साथ मिलकर एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा राजस्थान के विभिन्न आदिवासी क्षेत्रों में निवास करने वाले बच्चों को निशुल्क शिक्षा भी दी जा रही है। इस प्रकल्प के तहत विद्यार्थियों को कक्षा 11 में प्रवेश दिया जाता है और इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षा की निशुल्क तैयारी करवाई जाती है।
डाइट के माध्यम से निशुल्क शिक्षा।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा राजस्थान सरकार के साथ मिलकर प्रदेश के 770 सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग दी गई। इसकी क्लासेज एलन एक्सपर्ट्स द्वारा कोटा शिक्षा विभाग के डाइट ऑफिस से लाइव की गई।

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