कोटा-हंसपाल यादव।
हिन्द मजदूर सभा से संबद्ध थर्मल ठेकेदार वर्कर्स यूनियन ने उत्पादन निगम के सी एम डी और कोटा थर्मल के मुख्य अभियन्ता को पत्र देकर ठेका श्रमिकों का भुगतान करवाने की माँग की है़। यूनियन अध्यक्ष आज़ाद शेरवानी ने बताया कि कोटा थर्मल में वेतन नहीं मिलने से ठेका श्रमिकों में भारी आक्रोश है़। थर्मल प्रशासन ने इन गरीब मजदूरों को समय पर वेतन नहीं करवाने की आदत बना ली है़। इस भयंकर गर्मी के मौसम में जी तोड़ मेहनत कर बिजली उत्पादन में सहयोग कर रहे ये श्रमिक अपने वेतन के लिये तरस रहे हैं। उत्पादन निगम में वर्षों से अपने अनुभव के आधार पर कार्यरत ये श्रमिक आज भी सरकारी न्यूनतम मजदूरी पा रहे हैं। जबकि ये समान काम समान वेतन के नियमानुसार नियमित कर्मचारियों के समान वेतन पाने के पात्र हैं।मिलने वाली मजदूरी इतनी कम है़ कि अपना और अपने परिवार का पोषण भी नहीं हो पाता। ऐसे में ये मामूली मजदूरी भी समय पर ना मिले तो भूखे मरने की नौबत आ जाती है़। हिन्द मजदूर सभा इन लगातार कार्यरत मजदूरों को इनके वर्षों के कार्यानुभव के आधार पर नियमित करने की माँग उठाती रही है़। कोटा थर्मल में वर्षों से भर्तियां नहीं हुई है़। लगातार नियमित कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद पद रिक्त हो रहे हैं। और उत्पादन के संचालन व संधारण जैसे नियमित प्रकृति के कार्यों को अपने अनुभव से यही श्रमिक अन्जाम दे रहे हैं। ये श्रमिक नियमित होना चाहियें जब तक नियमित नहीं हों समान काम समान वेतन के आधार पर नियमित कर्मचारी के बराबर वेतन मिलना चाहिये। सहायक महासचिव बद्रीलाल शर्मा, महावीर शर्मा, शिवकुमार शर्मा, जगदीश मेहरा, पदम जांगिड़, ब्रजेश नामा, बिरधीलाल नागर इत्यादि पदाधिकारियों ने बताया कि इस भयंकर गर्मी में दिन रात एक करने के बाद भी हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है़। समान वेतन देना तो दूर नियमित कर्मचारियों का वेतन समय पर करके हमें वेतन के लिये तरसाया जाता है़। ठेकेदारों के चार माह के बिल का भुगतान रोक लेने से ठेकेदार मजदूर का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। यदि थर्मल प्रशासन ने अपना रवैया नहीं बदला तो श्रमिकों का आक्रोश विकराल रूप ले सकता है़। इसलिए थर्मल प्रशासन जिस प्रकार अपने नियमित कर्मचारियों के वेतन की जिम्मेदारी निभाता है़ उसी प्रकार ठेका श्रमिकों का भी ध्यान रखे। यदि ठेका श्रमिकों का भुगतान नहीं करवाया गया तो ठेका श्रमिकों द्वारा कार्य बहिष्कार करने पर प्लान्ट संचालन में व्यवधान होगा। प्रशासन मजदूरों को आन्दोलन के लिये बाध्य ना करे और श्रमिकों का भुगतान अविलम्ब करवाये।

0 टिप्पणियाँ