इस साल की शुरुआत जनवरी महीने से देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू हुआ जो अब महीने बीतने तक सिर्फ 5 फीसदी ही लक्ष्य ही हासिल कर पाया है। यानी देश के लगभग 5% लोगों को ही वैक्सीन की दोनों डोज लग पाई है। अगर इसी गति से टीकाकरण हुआ तो इस साल के अंत तक 40 फ़ीसदी लोगों को ही टीका लग पाएगा।

 विश्लेषकों के अनुसार देश के कई बड़े प्रमुख राज्यों में जुलाई 2022 तक वैक्सीनेशन का काम पूरा हो सकता है। उधर वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने वर्तमान की तुलना में जुलाई से नवंबर तक उत्पादन बढ़ाने की बात कही है। आपको बता दें कि सिरम इंस्टीट्यूट वर्तमान में 6:30 करोड़ वैक्सीन बना रहा है जो कि जुलाई से नवंबर तक 10 करोड प्रतिमाह होने की संभावना है। भारत बायोटेक डेढ़ करोड़ वैक्सीन बना रहा है



 जो जुलाई से नवंबर तक 5:30 करोड़ होने की संभावना है। स्पूतनिक की भी फिलहाल चार लाख वैक्सीन है जो जुलाई से नवंबर तक 3:30 करोड़ हो सकती है। वही जाइडस कैडिला कंपनी भी जुलाई से नवंबर तक करीब सवा करोड़ वैक्सीन प्रतिमाह उत्पादन करने की संभावना है। देश में वैक्सीनेशन की रिसर्च में जुटे एम के रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार देश के 10 प्रमुख राज्य जिनमें राजस्थान भी शामिल है, वहां मार्च 2022 तक 18 + आयु वर्ग के लोगों को पहला टीका लगाने में सफलता हासिल हो सकती है।

ब्यूरो रिपोर्ट!