जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जोधपुर जिले के 600 से ज्यादा पटवारी, तहसीलदार और राजस्व कर्मचारियों ने गुरुवार को काम छोड़ दिया। डेढ़ साल पहले राजस्थान सरकार के साथ हुई समझौता वार्ता की बातों को लागू नहीं करने से पूरे राजस्थान में राजस्व सेवाओं के अधिकारी आंदोलन पर उतर गए हैं।

जोधपुर में जिला मुख्यालय पर तहसीलदार कार्यालय के बाहर धरना दिया। साथ ही राजस्व सेवा के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेती है तो 24 अप्रैल से शुरू होने वाले महंगाई राहत कैंप और प्रशासन गांव के संग अभियान का बहिष्कार करेंगे।

जिला पटवार संघ के अध्यक्ष मनोहर विश्नोई ने बताया कि जोधपुर जिले में 500 से ज्यादा पटवारी, 191 से ज्यादा कानूनगो और अन्य तहसीलदार हैं।

इन सभी ने फिलहाल 2 दिन का सामूहिक अवकाश लेकर कार्य बहिष्कार किया है। सरकार समझौते को लागू नहीं कर रही है और इसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है। उन्होंने बताया कि यदि प्रशासन के साथ वार्ता नहीं हुई तो 24 अप्रैल से जनता को राहत देने के लिए हर गांव व शहर में लगाए जाने वाले शिविरों का राजस्व सेवा के अधिकारी बहिष्कार करेंगे।

यह राजस्व सेवा परिषद की प्रमुख मांगे

  • - नायब तहसीलदार का पद शत प्रतिशत पदोन्नति पर घोषित हो।
  • - सीधी भर्ती के आरटीएस को सीधे तहसीलदार पद पर लगाया जाए।
  • - तहसीलदार सेवा के पद 50% पदोन्नति और 50% सीधी भर्ती से भरे जाएं।
  • - पटवारी, भूअभिलेख निरीक्षक, नायब तहसीलदार व तहसीलदार का कैडर पुनर्गठित किया जाए।
  • - आरएएस कैडर का रिव्यू करने और तहसीलदार से आरएएस के जूनियर स्केल में डीपीसी कर प्रमोट करने की मांग रखी।
  • - पटवारी व भूअभिलेख निरीक्षक के लिए स्पष्ट स्थानांतरण नीति और वेतनमान का फिर से निर्धारण करने की मांग रखी।