जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

जयपुर में एक बड़े ठगी सेंटर(फर्जी कॉल सेंटर) का खुलासा हुआ है। यहां लड़के-लड़कियां विदेश में बैठे लोगों को ठगते थे। पुलिस ने छापा मारकर 32 युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया है। सेंटर के मालिक और मकान मालिक की तलाश की जा रही है। यह सेंटर चित्रकूट मार्ग स्थित राम जानकी टॉवर के कमरा नंबर तीन से पांच में चल रहा था।

पकड़े गए युवक-युवतियां दिल्ली, यूपी, एमपी, बिहार, राजस्थान, मेघालय समेत अन्य जगहों से हैं। इन्हें 40 हजार रुपए तक की सैलरी पर रखा गया था। पूरा मामला करोड़ों रुपयों की ठगी का है। चित्रकूट पुलिस ने बुधवार दोपहर में करीब एक बजे सेंटर पर रेड मारी। सीआई ​​​​​​गुंजन सोनी ​ने बताया- टॉवर के हॉल में छोटे-छोटे केबिन बने हुए हैं। यहां कम्प्यूटर कॉलिंग करते हुए 32 लड़के और लड़कियां मिले। पुलिस ने सभी को दबोच लिया। रेड के दौरान सेंटर का संचालन करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम दीपक शाह बताया। वह यूपी का रहने वाला है। यहां टेक्निकल सपोर्ट का काम करता है। अमन नाम का दूसरा युवक सारा मैनेजमेंट देखता था। इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। कॉल सेंटर का मालिक दिलीप तंवर उर्फ सैंडी फरार है। बिल्डिंग के मालिक सूरज यादव को भी कॉलसेंटर के गोरखधंधे की जानकारी थी।

माइक्रोसॉफ्ट के नाम फंसाते थे

इनका ठगी करने का तरीका भी हैरान करने वाला है। ये दो चरण में काम करते थे। पहला वेंडर। इसका काम लोगों को शिकार बनाना होता है। फिर डायलर या कॉलर, जो फोन पर बात तक ठगी करते हैं।

ऐसे करते थे ठगी

सबसे पहले वेंडर टारगेट व्यक्ति के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करके उस पर एक मैसेज भेजता है। इसमें लिखा होता है कि आपका सिस्टम हैक हो चुका है। आप माइक्रोसॉफ्ट के कस्टमर केयर पर कॉल करके हेल्प ले सकते हैं। इस मैसेज के साथ एक टोल फ्री नम्बर भी दिखता है।

इसके बाद एक युवक टारगेट को टेलिग्राम पर भी हैक होने का मैसेज भेजता है। जब टारगेट टोल फ्री नगर पर कॉल करता है तो वो सीधा ठगी वाले सेंटर पर लगता है। फोन करते ही टारगेट का पर्सनल नंबर ठगों तक पहुंच जाता है। खुद को माइक्रोसॉफ्ट का कर्मचारी बताते हुए मदद के बहाने सारी डीटेल ले लेते। फिर उसका खाता खाली कर देते।

चित्रकूट थाना पुलिस ने बताया- सभी आरोपी ग्रेजुएट हैं। गिरोह में 8 लड़कियां भी हैं। इनकी अंग्रेजी अच्छी होने के कारण इन्हें जॉब पर रखा गया था। इन सभी को कॉलसेंटर के पास अलग-अलग जगहों पर फ्लैट दिए हुए हैं। इन बदमाशों के अन्य राज्यों में भी कॉल सेंटर हैं।


कॉलिंग के काम में कोई रुकावट न आए, इसकी पूरी जिम्मेदारी बिल्डिंग मालिक सूरज यादव की थी। यहां काम करने वाले युवक-युवतियां अमेरिका के लोगों को टारगेट करते थे। उनसे डॉलर में ठगी करते और फिर रकम को रुपए में बदलवा लेते थे।