जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
देश में विकसित पहले लड़ाकू हेलीकॉप्टर को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। रक्षामंत्री ने इसका नाम प्रचंड रखा तो वहीं जोधपुर एयरबेस पर आयोजित इंडक्शन समारोह को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि यह भले ही लाइट कॉन्बैट हेलीकॉप्टर है लेकिन इसका काम हैवी होगा। रक्षामंत्री ने कहा कि आज हर क्षेत्र में तेजी से परिवर्तन हो रहा है और भारी मशीनरी की जगह हल्के उपकरण के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है, ताकि उसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा सके। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान एलसीएच की आवश्यकता महसूस की गई थी। जिसे आज हम पूरा कर सके हैं। पहले स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर के टेस्टिंग पायलट व पूर्व विंग कमांडर उन्नी कृष्णन ने कहा कि आज हमारी वर्षों की मेहनत सफल हो गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह हेलीकॉप्टर कई मायनों में अमेरिका के अपाचे से भी बेहतर है। पूर्व विंग कमांडर उन्नी कृष्णन ने आगे इस हेलीकॉप्टर की तुलना अमेरिका के अपाचे से की और कहा कि कई मायनों में हमारा यह हेलीकॉप्टर अपाचे से कहीं ज्यादा बेहतर है। उन्होंने कहा कि यह हमारी सभी आवश्यकता को पूरी करता है। इसके अलावा क्रिटिकल बॉर्डर्स के लिए इसमें कई तरह के इक्विपमेंट लगाए गए हैं। जिसे आवश्यकता पड़ने पर बदला भी जा सकता है। उन्होंने इसे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल करार देते कहा कि अपाचे हेलीकॉप्टर से हमारा ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत अधिक उन्नत है।