जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जयपुर में जलमहल की पाल पर नाइट मार्केट लगाने के मामले में जयपुर नगर निगम हैरिटेज को बड़ा झटका लगा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इस मामले पर लगी एक याचिका पर सुनवाई के बाद इस मार्केट को अवैध करार देते हुए निगम प्रशासन पर 10 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से (1 नवंबर 2022 से 24 जुलाई 2023 तक) जुर्माना लगाया है। ये जुर्माना प्रधान मुख्य वन संरक्षक को वसूलने और उसे पर्यावरण संरक्षण के उदेश्य से उपयोग करने के आदेश दिए है।

NGT में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिवक्ता अरविंद सोनी की पेश की दलील को स्वीकार करने के बाद जस्टिस शिव कुमार सिंह और ज्यूडिशियल मैम्बर डॉ. ए सैंथिल वेल ने ये आदेश दिए। इससे पहले इस मामले पर दो महीने पहले सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई के दौरान जयपुर कलेक्टर, प्रधान वन संरक्षक और राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एक प्रतिनिधि ने मौके की विजिट करके वहां की स्थिति को देखकर अपनी एक रिपोर्ट बनाकर की थी। इस रिपोर्ट में जलमहल की पाल को इको सेंसिटिव जोन बताया। इसके साथ ही नाइट बाजार के संचालन से यहां के पर्यावरण और जलमहल झील को खतरा होना बताया था। इस रिपोर्ट को देखने के बाद कोर्ट ने नाइट मार्केट पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। इसके साथ ही जलमहल झील में हो रहे पॉल्यूशन और वहां के ग्राउंड वाटर की स्थिति पर भी एक रिपोर्ट बनाकर पेश करने के आदेश दिए थे।

इस रिपोर्ट को कल हुई सुनवाई में रखा गया। जिसमें बताया कि नाइट मार्केट का वेस्ट और यहां का वेस्ट वॉटर बिना ट्रीटमेंट किए जलमहल झील में छोड़ा जा रहा है, जिससे झील को नुकसान हो रहा है। इस रिपोर्ट को देखने के बाद एनजीटी ने इस मार्केट के संचालन को अवैध मानते हुए नगर निगम पर जुर्माना लगाते हुए इसकी वसूली वन विभाग को करने के आदेश दिए।

आपको बता दें कि राजेन्द्र तिवारी की तरफ से लगाई एक याचिका एनजीटी में लगाई गई थी, जिसमें बताया गया था कि जहां नाइट माकेर्ट शुरू किया गया है वो एरिया नाहरगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के नजदीक है और इको सेंसिटिव जोन में आता है। इस जगह जलमहल झील है, जिसमें बाजार से होने वाला कचरा फैलाया जाता है। इसके साथ ही बाजार के चलने से रात में ध्वनि प्रदूषण भी होता है, जो यहां आसपास के जीव-जंतुओं को भी प्रभावित करता है।

नवंबर 2022 से शुरू हुआ था नाइट मार्केट
जयपुर में नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल नवंबर 2022 में नाइट बाजार शुरू किया था। जलमहल की पाल पर सप्ताह में 2 दिन शाम 7 बजे से लेकर रात 1 बजे तक लगाए जाने वाले इस नाइट मार्केट में राजस्थान के ट्रेडिशनल हाट से लेकर मॉडर्न मार्केट की झलक देखने को मिलती थी। इस बाजार में टेंट के डोम बनाकर 100 से ज्यादा छोटी-छोटी अस्थायी दुकानें (स्टॉल) बनाई जाती थी, जिसमें खाने-पीने की चीजों से लेकर अन्य सामग्री बेची जाती थी।