जयपुर/अजमेर/कुचामन ब्यूरो रिपोर्ट 

राजस्थान में आयकर इन्वेस्टिगेशन विंग की टीमों ने बजरी व्यापारियों के 21 से अधिक ठिकानों पर रेड की है। छापेमारी बजरी कारोबारी निलेश गढ़िया ग्रुप और उसके सहयोगी समूहों के ठिकानों पर चल रही है। जयपुर में निलेश गढ़िया के एनआरआई कॉलोनी स्थित घर और जगतपुरा स्थित ऑफिस पर आईटी की टीम सर्च कर रही हैं। जानकारी के अनुसार आईटी की टीमें जयपुर, कुचामन और अजमेर में छापेमारी कर रही है। आयकर विभाग को इस रेड के दौरान कई तरह की अनियमितता मिली हैं।

आयकर विभाग से मिली जानकारी के अनुसार निलेश गढ़िया के सहयोगी ग्रुपों में गोदारा ग्रुप, इंजीनियर एंड इंजीनियर ग्रुप और शशिपाल कुमावत ग्रुप पर आयकर विभाग छापे की कार्रवाई कर रहा है। निलेश के तार फास्फेट माइंस के कई अन्य कारोबारों से भी जुड़े हैं। इस ग्रुप की जानकारी जयपुर में कॉन्स्टिट्यूशनल क्लब निर्माण के दौरान सामने आई थी। बनास नदी से बजरी उठाने का ठेका इस ग्रुप के पास है।

सरकार को प्रति टन दे रहे 100 रुपए, आमजन से ले रहे 750 रुपए
आयकर विभाग को जानकारी मिली थी कि प्रदेश में बजरी खनन करने वाले कुछ ही ग्रुप हैं। ये ग्रुप सरकार को 100 रुपए प्रति टन के हिसाब से पैसा देते हैं। ये लोग आमजन से 750 रुपए प्रति टन के हिसाब से चार्ज करते हैं। सुप्रीम कोर्ट की रोक हटने के बाद भी बजरी व्यापारियों ने प्रति टन में कोई राशि कम नहीं की।

इससे आमजन को रोक हटने के बाद कोई फायदा नहीं हुआ। बजरी व्यापारी चांदी कूट रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी मौन बैठकर तमाशा देख रहे हैं। इनकम टैक्स के अधिकारी जल्द ही कुछ ग्रुप से भी इसे लेकर पूछताछ कर सकते हैं। खान विभाग के कुछ अधिकारियों से भी इस संबंध में पूछताछ हो सकती है।

ईडी को भी मिली थी शिकायत
जानकार सूत्रों की मानें तो ईडी को भी कुछ माह पहले इस विषय को लेकर कुछ लोगों ने शिकायत की थी। ईडी ने इसे जांच में रखा, लेकिन अभी तक ईडी ने इस विषय पर कोई एक्शन नहीं लिया। जानकार बता रहे हैं कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस छापेमारी के बाद ईडी कई बजरी व्यापारियों पर शिकंजा कस सकती है।