जयपुर/जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

प्रदेश की राजनीति में यदि CM अशोक गहलोत के खिलाफ कोई खबर न्यायिक क्षेत्र से आम दिनों में भी आती तो हल्ला मच जाता लेकिन आज यह खबर विधानसभा चुनाव के इस मोड़ पर आई जब गहलोत ही एकेले कांग्रेस की नैय्या पार कराने का जिम्मा लिए सबसे आगे चलते दिखाई पड़ रहे हैं। खबर यह है कि CM अशोक गहलोत के नामांकन पर आपत्ति दर्ज कराई गई है। सरदारपुरा (जोधपुर) रिटर्निंग ऑफिसर संजय कुमार बासु को मंगलवार को मुख्यमंत्री के शपथ-पत्र में कोर्ट केस छुपाने की ऑनलाइन शिकायत की। जिला निर्वाचन अधिकारी ने रिटर्निंग ऑफिसर से मामले में डिटेल मांगी है। गहलोत ने सोमवार (6 नवंबर) को सरदारपुरा विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया था।

मंगलवार को निर्वाचन आयोग की जांच के बाद सीएम गहलोत के नामांकन को सही पाया गया। इसके बाद जयपुर के एक व्यक्ति आरोप लगाया कि गहलोत ने नामांकन के साथ झूठा शपथ पत्र दिया है।

जयपुर के पवन पारीक ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त जयपुर, मुख्य निर्वाचन आयोग आईटी जयपुर, अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन आयोग जयपुर व जिला निर्वाचन आयोग जोधपुर को शिकायत भेजी। इसमें आरोप लगाया कि सीएम गहलोत ने झूठा व कूटरचित शपथ पत्र प्रस्तुत किया है जिसे खारिज करने के साथ ही गहलोत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की मांग की है।

एडवोकेट नाथू सिंह बोले गहलोत ने दो मामले छिपाए

भाजपा की ओर से एडवोकेट नाथूसिंह का कहना है कि गहलोत ने नामांकन में लंबित अपराधिक प्रकरणों का विस्तृत ब्योरा देना आवश्यक था गहलोत द्वारा अधूरा दिया गया है। दो अपराधिक प्रकरण छुपाए गए है।

उन्होंने बताया कि शिकायत में 8 सितंबर 2015 को गांधीनगर जयपुर में एफआईआर दर्ज हुई थी जिसका विवरण छुपाया गया। 21 नवंबर को 2015 करे इस मामले में अनुसंधान अधिकारी ने हाईकोर्ट में प्रगति रिपोर्ट पेश की थी जिसमें प्रथम दृष्टया अपराध घटित होना माना गया था। इस प्रकरण में एसीएमएम 16 कोर्ट में मामला लंबित है और अगली पेशी इसी महीने 24 तारीख की है।

जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु गुप्ता ने बताया कि ऑब्जेक्शन दर्ज हुआ है। रिपोर्ट आने पर इसकी जांच करेंगे।

प्रधान संपादक प्रवीण दत्ता का मत 

मामला चूंकि कानून से जुड़ा है इसलिए बिना विधिक परिक्षण कुछ भी कहना मूर्खता होगी हाँ यह जरूर है कि अगर गलती से CM गहलोत का नामांकन खारिज हो गया, फिर वो चाहे कानूनी रूप से ठीक ही हो, यह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एकतरफा जीत दिलाने के लिए काफी होगा। कल्पना कीजिए 10  गारंटी दे चुके , 7 झोली में लिए चल रहे गहलोत और कांग्रेस उसके बाद क्या करेंगे ? हर गली, नुक्कड़ और चौराहे पर बस एक ही बात होगी - मोदी सरकार और भाजपा ने डरकर अपने रसूख का उपयोग करते हुए अशोक गहलोत से चुनाव लड़ने का अधिकार ही छीन लिया।  लोग कहेंगे 'दम था तो जादूगर को चुनाव में हराते। " 

कम शब्दों में कुल बात यह कि 'मो-शा' की अगर मति ही मारी गई है तो ऐसा करके देख लें।  चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित गहलोत अगर जेल नहीं भेजे गए तो ब्रह्मास्त्र की तरह पूरे राजस्थान में घूम घूम कर भाजपा के अलोकतांत्रिक और तानाशाह रवैय्ये के किस्से सुनाएंगे जिसे कांग्रेसी रिपीट मोड़ पर बार बार बजाएंगे।  

वर्तमान हालात में कांग्रेस गहलोत की कही 156 सीट जीतती कहीं से नजर नहीं आती लेकिन अब 'मो-शा' भाजपा की सुपारी ही ली हो तो क्या कहा जाए।