जयपुर/अजमेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

भाजपा ने इस बार किसी भी मस्लिम को टिकट नहीं देने की अघोषित नीति का पालन किया है ऐसे में भाजपा नेतृत्व से मसूदा विधानसभा क्षेत्र में भारी चूक हो गई जहां उसने एक तथाकथित मुसलमानों के चीता मेहरात समाज के अभिषेक चौहान को राजपूत समझ कर टिकट दे दिया। भाजपा के घोषित उम्मीदवार अभिषेक सिंह चौहान की जाति को लेकर हुए विवाद के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने अंतिम समय पर अपने अधिकृत उम्मीदवार को बदलने का निर्णय लेना पड़ा । भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने अब मसूदा के प्रधान वीरेंद्र कानावत को टिकट दिया है। 

जानकारी के अनुसार प्रदेश भाजपा कार्यालय में आईटी सेल में 2 साल तक काम करने वाले अभिषेक सिंह चौहान ने संगठन महामंत्री चंद्रशेखर मिश्र से नजदीकी बनाई और टिकट पाने में कामयाबी हासिल की।अजमेर में मसूदा से भाजपा विधायक रही सुशीला कंवर के पति भंवर सिंह पलाड़ा ने आरोप लगाया कि संगठन महामंत्री चंद्रशेखर मिश्र ने मनमानी तरीके से पार्टी के खिलाफ वर्ष 2018 में निर्दलीय चुनाव लड़ चुके अभिषेक सिंह चौहान को टिकट दिया। दरअसल भंवर सिंह मेवाड़ा खुद मसूदा से भाजपा का टिकट मांग रहे थे और भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने उनकी जगह अभिषेक चौहान को टिकट दे दिया था। भंवर सिंह पलाड़ा पिछले काफी समय से अपने पुत्र और जिला प्रमुख पत्नी सुशीला कंवर के साथ अति सक्रीय होकर तीनों के टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे थे। टिकट ना मिलने पर उनके समर्थकों ने अपने संघी मित्रों के जरिए रविवार को ही अभिषेक सिंह चौहान के अपनी जाति छुपाने और धोखे से टिकट पाने की कहानी प्रचारित करवा दी। इसके बाद मसूदा के स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जब विरोध किया तो भाजपा को तुरंत डैमेज कण्ट्रोल करना पड़ा। 

अब यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर अभिषेक सिंह चौहान को किसकी सिफारिश पर टिकट दिया गया ? इसकी स्थानीय स्तर पर जांच क्यों नहीं की गई ?

भाजपा के प्रदेश कार्यालय में किसकी सिफारिश पर आईटी विभाग में 2 साल तक काम किया ? जयपुर में भी अभिषेक सिंह चौहान पर आरोप था कि उन्होने भाजपा के प्रदेश और शहर जिला अध्यक्ष रहे सुनील कोठारी के साथ भी दुर्व्यवहार किया था। यही नहीं सह प्रभारी रहे हेरिटेज नगर निगम जयपुर के पार्षद विमल अग्रवाल के साथ भी अभिषेक सिंह चौहान ने गलत व्यवहार किया था। 

सूत्रों के अनुसार अभिषेक सिंह को टिकट दिलाने में प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री चंद्रशेखर की मुख्य भूमिका बताई जा रही है। वैसे बता दें भाजप की सूचियां घोषित होने से थोड़ा पहले भी भाजपा के एक टिकटार्थी ने इन्हीं संगठन मंत्री पर टिकट के बदले रुपये मांगने का आरोप भी लगाया था।

उल्लेखनीय है कि इस बार भाजपा में टिकट के वितरण को लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं और भाजपा ने चुनाव प्रभारी कर्नाटक से आने वाले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद सीपी जोशी नए हैं और भाजपा के प्रभारी अरुण सिंह यूपी से हैं और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर मिश्र भी यूपी से हैं। यही कारण रहा कि प्रदेश के कई टिकट को लेकर विवाद हुआ।

बहरहाल अब भाजपा जीरो मुस्लिम फेस के साथ ही राजस्थान का विधानसभा चुनाव लड़ेगी।