कोटा ब्यूरो रिपोर्ट।  

जैसे जैसे नामांकन करने की अंतिम तारीख नजदीक आ रही है वैसे वैसे नए नए राजनीतिक समीकरण बनते-बिगड़ते दिखाई दे रहे हैं। ऐसा ही कुछ भाजपा की तीसरी सूची जारी होने के बाद हाड़ौती की सियासत में देखने को मिला। 

बंद कमरे में मिले धुर विरोधी 

कोटा उत्तर से भाजपा टिकट की दावेदारी जता रहे प्रह्लाद गुंजल ने गुरुवार को अपने धुर विरोधी माने जाने वाले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की है। दिल्ली से लौटने के बाद प्रह्लाद गुंजल सीधे लोकसभा स्पीकर के कैंप कार्यालय पहुंचे। दोनों ने बंद कमरे में करीब 2 घंटे तक बातचीत की।

हो सकती है धारीवाल वर्सेज गुंजल फाइट  

इस तरह अचानक हुए घटनाक्रम को विधानसभा चुनाव में गुंजल की दावेदारी से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह मुलाकात पार्टी के शीर्ष नेताओं के कहने पर हुई है। राजकाज के सूत्रों का यह भी मानना है कि जैसे ही भाजपा शीर्ष नेतृत्व को इस बात की भनक लगी कि कांग्रेस हाई कमांड अपनी घोषित नीति से हटते हुए कोटा उत्तर से शांति धारीवाल को माफ़ करते हुए फिर से उतार सकता है तो भाजपा टॉप लीडरशिप ने भी पिछले काफी समय से धारीवाल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए प्रहलाद गुंजल  को तरजीह दे दी। 

इससे पहले गुरुवार को बीजेपी ने 58 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी। जिसमें हाड़ौती संभाग की 7 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए थे। लेकिन कोटा उत्तर व पीपल्दा सीट को होल्ड पर रखा गया है। सूत्रों का कहना कि इस घटनाक्रम में वसुंधरा राजे का भी अहम रोल रहा। 

भाजपा नेतृत्व ने सेट की मीटिंग 

प्रह्लाद गुंजल को भाजपा नेतृत्व धारीवाल के सामने जिताऊ उमीदवार तो मानता है पर साथ ही उसे अंदरखाने कोटा सांसद ओम बिरला और मंत्री शांति धारीवाल की आपसी अंडरस्टैंडिंग का भी अहसास है। सो भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रह्लाद गुंजल को स्पीकर बिरला से मिलने का आदेश दिया। समझा जाता है ऐसा ही सन्देश बिरला को भी दिया गया।    

प्रह्लाद गुंजल रात 10 बजे करीब स्पीकर के कैंप कार्यालय में पहुंचे। दोनों लोगों के बीच रात 12 बजे तक बंद कमरे में मीटिंग हुई। मीटिंग से बाहर निकलने के बाद प्रह्लाद गुंजल ने मीडिया से बात की। गुंजल ने कहा बिरला जी हमारे वरिष्ठ नेता हैं। मैं भी उनके संसदीय क्षेत्र में एक सीट से दावेदार हूं। उनसे मिलना ही था। क्षेत्रीय सांसद होने के नाते उन्होंने शिष्टाचार भेंट की। अभी चुनाव का माहौल है। चुनाव के सम्बंध में बात हुई। सारी चीजें बताई नहीं जाती। उन्होंने कहा कि पार्टी निर्देश देगी तो नामांकन भरेंगे। 

इस बारें में लोकसभा स्पीकर ने जायदा साधा हुआ बयान देते हुए कहा कि उनकी मुलाकात सामान्य शिष्टाचार भेंट थी जिसमें पॉलिटिकल चर्चा नहीं हुई। चुनाव को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में पार्टी नेतृत्व से पूछिए। मैं राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता।

बहरहाल धारीवाल को कोटा रिवर फ्रंट मामले में घेरने और CM का रिवर फ्रंट उद्घाटन में आना टलवाने में गुंजल आगे रहे थे।  वैसे भी गुंजल ने मंत्री धारीवाल  पर गाहे बगाहे करप्शन के आरोप भी लगातार लगाए हैं।  उधर धारीवाल अब तक समर्पण मुद्रा में अपने बेटे अमित धारीवाल के लिए टिकट मांग रहे थे, अब CM गहलोत के जोर देने और आला कमान की कृपा से फिर से टिकर की दौड़ में शामिल होकर उत्साहित हैं और गुंजल से टक्कर लेने को तैयार हैं।