एसीबी की टीम ने शनिवार को हेरिटेज निगम के सिविल लाइंस जोन में वार्ड 33 के कांग्रेस पार्षद, सतर्कता शाखा के सब इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल को 80 हजार रुपए घूस लेते गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत मकान निर्माण नहीं रोकने के लिए ली गई थी।
एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि आरोपी पार्षद उमेश शर्मा निवासी सुभाष कॉलोनी शास्त्री नगर, सब इंस्पेक्टर अनिल सिंह निवासी नांगल जैसा बोहरा और भवानी सिंह निवासी महवा (दौसा) को गिरफ्तार किया है। अब तक की जांच में सामने आया कि आरोपी पार्षद इलाके में सालों से लोगों को डरा कर पैसे ले रहा था। अब एसीबी तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर आगे की जांच करेगी।
उन्होंने बताया- पीड़ित ने 16 नवंबर को शिकायत दी कि मकान का काम नहीं रोकने के बदले पार्षद उमेश शर्मा, एसआई अनिल सिंह और कॉन्स्टेबल भवानी सिंह ने 1 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। कॉन्स्टेबल भवानी ने रिश्वत की राशि देने के लिए पीड़ित को छोटी चौपड़ के कंधे में फूल वालों के पीछे बुलाया था। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया। शिकायत सही मिलने पर ट्रैप की योजना बनाई और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एसीबी ने तीनों के घरों पर देर रात तक सर्च की कार्रवाई की।
उन्होंने बताया- अब तक की जांच में सामने आया कि वार्ड पार्षद उमेश सालों से इलाके में घर-दुकान बनाने वालों को निगम का डर दिखाकर पैसा ले रहा है। इस पैसे को पार्षद, निगम में लगे प्रवर्तन शाखा के पुलिसकर्मियों के बीच बांटा करता है।
एक लाख रुपए के लिए परेशान कर रहे थे आरोपी
एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया- पार्षद, निगम एसआई और कॉन्स्टेबल ने परिवादी से 1 लाख रुपए की डिमांड की थी। इस 1 लाख रुपए के लिए आए दिन परेशान करते थे। पार्षद उमेश पीड़ित को धमकाता था कि अगर मकान का काम किसी भी प्रकार के विवाद के बिना करवाना है तो एक लाख रुपए देने होंगे। अगर पैसा नहीं दिया तो निगम के दस्ते से कार्रवाई करवा दूंगा।
आरोपी की धमकियों से परेशान होकर पीड़ित 3 दिन पहले एसीबी मुख्यालय पहुंचा और आपबीती बताई। पीड़ित की शिकायत पर एसीबी ने तत्काल सीनियर अधिकारियों से शिकायत का सत्यापन कराया। इसके बाद शनिवार को ट्रैप की कार्रवाई की गई।
एसीबी के डीआईजी डॉ. रवि ने बताया- जयपुर नगर तृतीय इकाई के एएसपी हिमांशु के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन कराया गया। सत्यापन होने पर पुलिस निरीक्षक सत्यवीर सिंह की टीम ने ट्रैप की कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से रिश्वत की राशि को जब्त कर ली। एसीबी के पास पार्षद और एसआई के खिलाफ कई टेक्निकल सबूत हैं, जिनके आधार पर इन दोनों की गिरफ्तारी की गई है। जल्द ही इनके घरों से हुई रिकवरी की जानकारी सामने आएगी।
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