कोटा ब्यूरो रिपोर्ट।

कोटा में चंबल नदी किनारे बनाए गए रिवर फ्रंट निमार्ण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कोटा नगर विकास न्यास (UIT) को नोटिस जारी किया है। अजमेर निवासी अशोक मलिक, द्रुपद मलिक व जयपुर निवासी गिरिराज अग्रवाल के 23 सितंबर को लगाए वाद पर एनजीटी ने ये नोटिस जारी किया है। और 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।

अशोक मलिक ने बताया कि रिवर फ्रंट निर्माण के लिए जरूरी पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं लेने, चंबल घड़ियाल सेंचुरी व अन्य जलीय जीवों का जीवन संकट में डालने, नदी का बहाव क्षेत्र कम करने और वेट लैंड यानी बफर जोन में अवैध निर्माण करने को लेकर उन्होंने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक वाद दायर किया था। जिसकी सुनवाई 10 अक्टूबर को हुई। वाद पर सुनवाई करते हुए न्यायिक सदस्य शेओ कुमार सिंह व अफरोज अहमद की खंडपीठ ने UIT को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।

साथ ही निर्माण कार्य मे नियमों की पालना की जांच के लिए एक जोइंट कमेटी गठित करने के आदेश दिए। इस कमेटी में कोटा कलेक्टर प्रतिनिधि, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का प्रतिनिधि, राजस्थान जल संसाधन विभाग का प्रतिनिधि और राजस्थान स्टेट बायो डायवर्सिटी बोर्ड के एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। यह कमेटी मौका मुआयना करने के बाद 6 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। इस कमेटी को जरूरी संसाधन और सुविधाएं मुहैया कराने के लिए राज्य पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाया है।

एनजीटी के नोटिस के बारें में नगर विकास न्यास के सचिव मान सिंह मीणा से बात की तो उन्होंने ऐसे किसी नोटिस की जानकारी होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि आपके पास नोटिस आया हो तो भेज दो। में चेक करवाता हूं।