जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

विधानसभा चुनावों के बीच कृषि जिंस की खरीद करने के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग से एनओसी मिल गई है। आयोग ने चुनाव आचार संहिता की पालना करते हुए निर्धारित किए समर्थन मूल्य पर खरीफ की फसलों की खरीद करने की अनुमति दी है। तेलंगाना समेत दूसरे राज्यों से इसको लेकर कृषि मंत्रालय के पास पत्र गया था, जिसे आयोग को भिजवाने के बाद वहां से खरीद की अनुमति मिली है।

राजस्थान में भी जल्द ही एजेंसियां खरीफ की फसलें जैसे बाजारा, ज्वार, मूंग, उड़द, सोयाबीन, मूंगफली समेत अन्य फसलों की खरीद शुरू करेगी। इनके लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर दिया है। सरकार इस बार बाजरा 2500 रुपए, मूंग 8558, मूंगफली 6377, मक्का 2090 और तिल 8635 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदेगी।

164 लाख हेक्टेयर से ज्यादा पर हुई फसल
इस बार पूरे प्रदेश में खरीफ की खेती 162 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर की गई है। हालांकि इसमें कुछ हिस्सा मौसम की बेरुखी के कारण खराब हाे गया। इसमें सबसे ज्यादा बुवाई 44.54 लाख हेक्टेयर में बाजरा है, जबकि दूसरे नंबर पर ग्वार की फसल है, जो करीब 28 लाख हेक्टेयर में बोई गई है। इधर, दलहन की स्थिति देखें तो मूंग 22.51 लाख हेक्टेयर, मोठ 8.93 लाख, उड़द 3.20 लाख और सोयाबीन 11.48 लाख हेक्टेयर पर बोई गई है।

दीपावली से पहले शुरू हो सकती है खरीद
संभावना है कि दीपावली से पहले फसलों की खरीद शुरू हो सकती है। पिछले दो सीजन से खरीद नवंबर से ही शुरू होती है और इस बार भी संभावना है कि एक नवंबर से खरीद शुरू की जा सकती है। सबसे बड़ी मंडी क्षेत्र हाड़ौती में इस बार सोयाबीन के दाम बाजार में समर्थन मूल्य से ऊपर चल रहे हैं। सरकार ने सोयाबीन खरीद के लिए 4600 रुपए भाव निर्धारित किए हैं। ऐसे में संभावना है कि इस बार कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ के एरिया में खरीद सेंटरों पर सोयाबीन कम ही आए।