जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

पूर्वी राजस्थान नहरी परियोजना योजना ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग को लेकर आज भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) की ओर से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया। इस दौरान यूनियन से जुड़े किसान मौजूद रहे।

यूनियन के जिला अध्यक्ष भंवरलाल जाट ने बताया केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस मुद्दे पर ओछी राजनीति कर रहे हैं। जबकि इस परियोजना के शुरू होने से राजस्थान राज्य के कई जिलों में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा। इस परियोजना से राजस्थान के कई लोगों का भाग्य जुड़ा हुआ है। राज्य सरकार ने अपने हिस्से की राशि 9600 करोड रुपए आवंटित कर दी, लेकिन केंद्र अपने हिस्से की राशि लंबे समय से आवंटित नहीं कर रहा इसके चलते परियोजना पूरी नहीं हो रही है। यदि यह परियोजना समय रहते पूर्ण हो जाती है तो राजस्थान राज्य की तस्वीर बदल जाएगी।

ज्ञापन में बताया कि भारतीय जनता पार्टी को पिछले दो लोकसभा चुनाव में राजस्थान की जनता ने सभी 25 सीटों पर चुनाव जीता कर सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।पीएम मोदी ने अपने चुनावी भाषण में भी इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का आश्वासन दिया। इसके बाद भी केंद्र सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की रुचि नहीं दिखा कर अपने हिस्से की राशि का आवंटन नहीं करते हुए राजस्थान के साथ सौतेला व्यवहार किया है।

पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में भूमिगत पानी का स्तर नीचे चला गया है। जिसमें फ्लोराइड होने के चलते पानी पीने योग्य नहीं रहा। जबकि राजस्थान के जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, पाली और नागौर जिलों में पीने के पानी की गंभीर समस्या है। इन जिलों में सिंचाई के पानी की गंभीर समस्या होने के चलते नहर का पानी लाना भी जरूरी है। वर्तमान में इंदिरा गांधी नहर परियोजना और नर्मदा नहर परियोजना का पानी आ चुका है लेकिन कम मात्रा होने के चलते समस्या सामने आ रही है।

इसके चलते राजस्थान के इन जिलों के किसानों को पानी की कमी के चलते अपनी भूमि पर खेती से वंचित रहना पड़ रहा है। इसलिए सिंचाई के लिए नहरी पानी की व्यवस्था की जानी अत्यंत आवश्यक है।