जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान हाई कोर्ट के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर आयोजित समारोह की शुरुआत करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड ने देश की न्यायिक व्यवस्था को बदलते समय के साथ बदलने की हिदायत दी। उन्होने कहा कि जब वे सुप्रीम कोर्ट के लिफ्ट मैन से पूछते हैं कि बच्चे क्या करते हैं तो वह जवाब देता है कि बेटी CA है। जब ड्राइवर से पूछते हैं कि बच्चों को क्या बनाओगे तो वह लहता है डॉक्टर। जस्टिस चंद्रचूड़ ने इसे बदलते भारत का चेहरा बताते हुए इस परिवर्तन का स्वागत किया।
CJI ने राजस्थान के बदलाव में योगदान का उल्लेख करते हुए ब्यावर के RTI कानून बनवाने की अलख जगाने को याद किया. साथ ही CJI ने कोविड काल में राजस्थान की जुडिशियरी द्वारा देश में सबसे ज्यादा केसों की सुनवाई का ज़िक्र करते हुए इसे सकारात्मक बताया। उन्होने प्रदेश ककी ज्यूडिशियरी द्वारा IT के भरपूर उपयोग की भी तारीफ की। जस्टिस चंद्रचूड़ ने राजस्थान में बढ़ती महिला न्यायिक अधिकारीयों की संख्या पर भी ख़ुशी व्यक्त की।
CJI अपने चित-परिचित बेबाक अंदाज में राजस्थान से वकील कोटे से सिर्फ दो जजों की नियक्ति पर आश्चर्य व्यक्त किया साथ ही वकालत के पेशे में महिलाओं को प्रोत्साहित करने की जरुरत पर जोर दिया। नवाचारों की पैरवी करते हुए उन्होने सबॉर्डिनेट ज्यूडिशियरी की जगह डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियरी उपयोग कर वहां कार्यरत नौजवान जजों की हौसला अफ़ज़ाई की सिफारिश की। मुख्या न्यायधीश ने उच्चतम न्यायालय के VC के जरिए केस सुनावाई से मना ना करने के निर्देशों की याद दिलाते हुए जोधपुर मुख्य पीठ और जयपुर पीठ द्वारा VC के जरिए एक ही केस की सुनवाई को अनुकरणीय उदाहरण बताया।
इस समारोह में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस सूर्यकान्त, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मित्थल, राजस्थान हाई कोर्ट के न्याधीशों, न्यायिक अधिकारीयों और वरिष्ठ वकीलों शिरकत की।
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