जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

अब पुरानी पेट्रोल मोटरसाइकिल और स्कूटी को भी इलेक्ट्रिक व्हीकल में कन्वर्ट कराया जा सकेगा। दो साल के परीक्षण के बाद परिवहन विभाग ने एक कंपनी को ऐसा करने के लिए ट्रेड सर्टिफिकेट जारी किया है। इस नवाचार को ग्रीन एनर्जी के लिए अहम कदम माना जा रहा है। सर्टिफिकेट जारी होने के बाद नार्थ इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल कंपनी के मधु किरोड़ी ने बताया कि कंपनी 20 बाइक को ईवी में कन्वर्ट कर चुकी है। दूसरी ओर, शहर में 50 बैट्री स्टेशन खोले जाएंगे। यहां बाइक चालक बैट्री चार्ज नहीं होने पर बैट्री बदल सकेंगे। इसके लिए 50 रुपए चार्ज देना होगा। ईवी में कन्वर्ट होने के बाद वाहन मालिक को सब्सिडी मिलेगी। इसके लिए आरटीओ में आवेदन करना होगा। वाहन का नंबर नहीं बदलेगा लेकिन नंबर प्लेट हरी रंग की लगेगी।

एआरएआई से अपूर्व के बाद अल्ट्रेशन  

डीटीओ संजीव भारद्वाज ने बताया कि एआरएआई-पुणे से सर्टिफिकेट मिला है। दुपहिया वाहन में अल्ट्रेशन किया जा सकता है। दुपहिया वाहनों को पेट्रोल से ईवी में कन्वर्ट किया जा सकता है। इंजन निकाल कर मालिक को हैंडओवर कर दिया जाता है। बैट्री और मोटर लगने के बाद भी दुपहिया वाहन की स्पीड में कोई बदलाव नहीं आया।

मैकेनिकल इंजीनियर और एमवीआई यशपाल शर्मा ने बताया कि ईवी में कन्वर्ट दुपहिया वाहन का निरीक्षण के दौरान मोटर ओर बैट्री क्षमता की जांच की गई। वाहन के मॉडल में एक्ट के तहत बदलाव किया गया है। चलाने में भी दिक्कत नहीं है। स्पीड भी उतनी है, जितनी ईवी के न्यू मॉडल में होती है। सेफ्टी की दृष्टि से भी जांच की गई। मोटरसाइकिल की स्पीड 85 किमी और स्कूटी की 60 की स्पीड रहेगी।

स्पीड में बदलाव नहीं, 3 साल में बैट्री बदलेगी : ईवी में कन्वर्ट होने वाली बाइक और स्कूटी की साल में एक सर्विस होगी। 3 साल में बैट्री बदलवानी होगी। बैट्री की कीमत 3 हजार रुपए होगी। बैट्री-मोटर के बाद भी बाइक या स्कूटी की स्पीड में बदलाव नहीं आएगा।

  • 35 हजार रु. खर्च आएगा बाइक को ईवी में कन्वर्ट कराने पर
  • 25हजार रु. खर्च आएगा स्कूटी को ईवी में बदलने के लिए
  • 120 किमी सिंगल चार्ज में स्कूटी चलेगी, ढाई यूनिट बिजली खर्च आएगा
  • 150 किमी चलेगी बाइक सिंगल चार्ज में, 3 यूनिट खर्च होगी

पेट्रोल वाहनों को ईवी में कन्वर्ट करने को नवाचार हुआ है। विभाग की कई टीमों से कंपनी की वर्कशॉप और स्कूटी की जांच के बाद ट्रेड सर्टिफिकेट जारी किया गया है। -नानूराम चोयल, अपर परिवहन आयुक्त, नियम