जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट।

बंगाली समाज की ओर से जोधपुर के दुर्गाबाड़ी में चल रही माता की पूजा में आज सिंदूर खेला की रस्म के साथ महोत्सव का समापन हुआ। यहां बंगाली समाज की महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर खुशियां मनाई। इसके बाद माता को विदाई दी गई। इस दौरान पान के पत्ते से परंपरा के तहत माता के आंसू पोंछे गए। इसमें बड़ी संख्या में समाज की महिलाओं ने हिस्सा किया।

सिंदूर खेला की रस्म के समय विवाहित महिलाओं ने अपने पति के लंबी उम्र की कामना की। कुंवारी लड़कियां भी मनपसंद वर के लिए इस रस्म में शामिल हुईं। महिलाओं ने बंगाल का पारंपरिक नृत्य धुनुची भी किया। बच्चों से लेकर बड़े भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

माता को विदाई देने सुबह से ही पारंपरिक वेशभूषा में महिलाएं दुर्गाबाड़ी पहुंचने लगीं।
माता को विदाई देने सुबह से ही पारंपरिक वेशभूषा में महिलाएं दुर्गाबाड़ी पहुंचने लगीं।

महिलाओं ने माता के अगले साल फिर आने की कामना के साथ उन्हें विदाई दी। मान्यता है कि नवरात्र में मां दुर्गा अपने मायके आती है इसलिए जगह-जगह पर उनके पंडाल सजाते हैं। यहां दशमी पर सिंदूर की होली खेल कर मां दुर्गा को विदा किया जाता है।

इस दौरान महिलाओं ने माता का पूजन भी किया। माता का श्रृंगार करके पारंपरिक परंपराओं के तहत कृत्रिम जलाशय में प्रतिमा का विसर्जन किया गया। इस दौरान कई महिलाएं भावुक हो गई।