जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

ग्रासरूट मीडिया की ओर से शनिवार शाम डॉ.राधाकृष्णन राज्य केंद्रीय पुस्तकालय में मीडिया के बदलते आयाम और महिला आरक्षण - एक विमर्श विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमे वक्ताओं ने अपने विचार प्रकट किए। 

इसमे प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए जनार्दन पांडे ने कहा कि खबरों की होड़ में तथ्य को क्रॉस चैक करना जरूरी है। इस नियम का पालन नहीं किए जाने के कारण गलत खबरों का प्रसारण होता है और पाठकों का विश्वास भंग होता है। पत्रकारिता के विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बेसिक और नई तकनीकी जानकारियां होनी जरूरी है जैसे चैट जीपीटी, अच्छे तरीके से गूगल सर्च करने की क्षमता और विषय की जानकारी। अगर यह सब है तो पत्रकारिता के विद्यार्थियों को आगे बढ़ने में काफी सहायता मिलती है। पांडे ने कहा कि वर्तमान में डिजीटल मीडिया में रोजगार के अवसर बढ़ते जा रहे है। 

इसके बाद उपेंद्र कुमार ने कहा कि गलत न्यूज अखबार या वेबसाइट पर चलाने से उसकी साख को नुकसान होता है। इसलिए खबरों को रिसर्च कर या जानकारी जुटा कर ही चलाना चाहिए। पत्रकारिता में कॅरिअर के कई अवसर है और अपनी नॉलेज के अनुसार यह अवसर प्राप्त किए जा सकते है। इसलिए पढ़ने की आदत डालनी होगी क्योंकि इससे जानकारी बढ़ती है और कॅरिअर के विकास में सहायता मिलती है। 

सत्र की अध्यक्षता करते हुए एमिटी विश्वविद्यालय के मीडिया विभाग की एसोशियेट प्रोफेसर पल्लवी मिश्रा ने कहा कि डिजीटल मीडिया में अधिक से अधिक ट्रैफिक जनरेट करने पर ध्यान दिया जाता है। टेक्नोलॉजी की जानकारी काफी लाभकारी रहती है जैसे एल्गोरिदम, फिल्टर बबल, सरकुलेशन, वेबपोर्टल और वेबसाइट का अंतर मालूम रहना चाहिए। क्लोन साइट्स पर भी नजर रखने की जरूरत बनी रहती है। मिश्रा ने भविष्य की इमर्सिव जनर्लिज्म के बारे में भी बताया। प्रथम सत्र का संचालन अंकित तिवाड़ी ने किया। 

द्वितीय सत्र महिला आरक्षण - एक विमर्श विषय पर आयोजित हुआ। इसे संबोधित करते हुए एडिशनल एसपी सीमा हिंगोनिया ने कहा कि वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की रिपोर्ट के अनुसार भारत में महिलाओं को बराबरी पर आने में 131 वर्ष लगेंगे। महिलाओं को आरक्षण के साथ साथ अवसरों की समानता की भी आवश्यकता है। महिलाओं को काम करते देखने की मानसिकता विकसित करनी होगी और उन्हें फील्ड ड्यूटी का मौका मिलना चाहिए।   

सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्ध शायर लोकेश कुमार साहिल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय कई बार सामाजिक आधार पर आरक्षण को सही ठहरा चुका है। इसी क्रम में यह महिला आरक्षण बिल्कुल सही कदम है। कमियां आशंकाएं अपनी जगह है लेकिन समय आने पर बदलाव भी होंगे और समाज में भी परिवर्तन होगा। इससे समानता आने में मदद मिलेगी।  

प्रो. प्रहलाद राय ने कहा कि पंचायतों और नगर निकायों में आरक्षण देने के दशकों बाद भी विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है। भारत अभी भी महिला प्रतिनिधित्व में पीछे है लेकिन दुनिया के कई विकसित देशों की तुलना में भारतीय महिलाओं को मतदान का अधिकार पहले मिल चुका है। अब महिला आरक्षण 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद जनगणना और परिसीमन होने पर लागू किया जाएगा। इसमे जातिगत जनगणना का पेंच भी फंस सकता है। इस सत्र का संचालन डॉ राजेश मेठी ने किया। 

ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन के प्रमोद शर्मा ने कहा कि अच्छा कॅरिअर बनाने में पढ़ने की आदत मदद करती है। आप अपने कोर्स के अलावा अच्छी पुस्तकें पढ़े और लिखने की क्षमता भी विकसित करें तो आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। कार्टूनिस्ट अभिषेक तिवारी ने कहा कि आम आदमी की समस्याओं पर फोकस करके भी पत्रकारिता में अपना अलग स्थान बनाया जा सकता है। वक्ताओं ने विद्यार्थियों और युवाओं की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया। 

अंत में देवकरण सैनी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर पत्रकारिता के विद्यार्थियों, युवाओं सहित हैरिटेज विंडो के जितेन्द्र सिंह शेखावत, ललित शर्मा सहित जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी एवं राजस्थान विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विद्यार्थी उपस्थित रहे।