जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में प्रियंका गांधी की भूमिका बदली है। प्रियंका ने 10 सितंबर को निवाई (टोंक) में और 20 अक्टूबर को सिकराय (दौसा) में जनसभाओं को संबोधित किया। अब वे 25 अक्टूबर को अरड़ावता (झुंझुनूं) में पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला की प्रतिमा का अनावरण कर सभा को संबोधित करेगी।

भूमिका बदलने के पीछे एक तर्क ये भी दिया जा रहा है कि पिछले एक वर्ष में कांग्रेस ने जिन दो राज्यों हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भाजपा से छीन कर सत्ता हासिल करने में कामयाबी हासिल की है, वहां पर प्रियंका की खास भूमिका रही है। हिमाचल प्रदेश में तो भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त होने के कारण राहुल गांधी वहां सिर्फ सांकेतिक यात्रा ही निकाल पाए थे। ऐसे में पूरा प्रचार प्रियंका गांधी ने ही संभाला था। कर्नाटक में भी प्रियंका ही कांग्रेस की सबसे बड़ी स्टार कैम्पेनर थीं।

तीनों विधानसभा में पायलट का प्रभाव

प्रियंका की सभा वाली तीनों विधानसभा में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का विशेष प्रभाव माना जाता है। निवाई उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र के जिले टोंक में आता है और दौसा से वे सांसद भी रहे हैं।

झुंझुनूं में पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला के पुत्र बृजेंद्र ओला वर्तमान में परिवहन मंत्री हैं। वे पायलट के कट्‌टर समर्थक माने जाते हैं। पायलट की अनुशंसा पर ही उन्हें मंत्रिमंडल विस्तार (नवंबर-2021) में मंत्री बनाया था।

बृजेंद्र ओला को पार्टी ने लगातार सातवीं बार झुंझुनूं से टिकट भी दे दिया है। वे अपने गांव में अपने पिता के स्मारक का उद्घाटन प्रियंका के हाथों करवाना चाहते हैं। इसके लिए अरड़ावता में तैयारियां की जा रही हैं।

हर सीट पर सभा की डिमांड

कांग्रेस की समन्वय समिति के समन्वयक राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने भास्कर को बताया कि प्रियंका गांधी पार्टी की स्टार कैम्पेनर हैं।

प्रदेश की हर सीट से उनके लिए डिमांड आ रही है। हमारी कोशिश रहेगी कि अधिकतम सीटों पर उनकी सभाएं करवाई जा सकें।

उनकी कही बातों, वादों को लोग गंभीरता से लेते हैं। उन्होंने पिछले दिनों कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में लोगों से जो वादे किए उन्हें सरकार बनते ही निभाया भी। यह उनकी साख है। आम जनता उनसे डायरेक्ट कनेक्ट हो रही है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार प्रियंका की सभाएं अपने क्षेत्र में कराने के लिए पार्टी के सभी नेता प्रयासरत हैं। एक बार सभी सीटों के टिकट फाइनल हो जाने के बाद पार्टी स्तर पर इसके लिए विशेष कार्यक्रम बनाया जाएगा। संभवत: जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर आदि क्षेत्रों में प्रियंका की सभाएं हो सकती हैं।

सफल रही हैं प्रियंका हिमाचल और कर्नाटक में

कांग्रेस का मानना है कि पिछले एक साल में हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में जीत में प्रियंका का बड़ा योगदान रहा है। हिमाचल प्रदेश में चुनाव के समय राहुल गांधी नहीं जा पाए थे, क्योंकि वे भारत जोड़ाे यात्रा में व्यस्त थे। ऐसे में प्रचार की पूरी जिम्मेदारी प्रियंका ने ही संभाली थी। कर्नाटक जीत में भी प्रियंका का बड़ा योगदान था।

दोनों राज्यों में कांग्रेस की जीत के बाद अब मध्यप्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी कांग्रेस नेता और संगठन प्रियंका गांधी की सभाएं कराने की तैयारी कर रहे हैं। राजस्थान में दो सभाएं हो गई हैं और तीसरी होने वाली है।

प्रियंका का था ओपीएस का आइडिया

मार्च-2022 में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में चुनाव होने थे। वहां की कमान सीधे तौर पर प्रियंका के हाथों में थी। प्रियंका ने तब फरवरी-2022 में एक सभा में वादा किया था कि अगर कांग्रेस सरकार बनेगी तो सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस ​​​​​​​) लागू की जाएगी।

उनके बाद इस वादे को उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी दोहराया। उत्तरप्रदेश में तो कांग्रेस की सरकार नहीं बनी, लेकिन उन्हीं दिनों जब मार्च-2022 में राजस्थान में सीएम गहलोत ने बजट पेश किया तो उन्होंने ओपीएस लागू करने की घोषणा की। उनकी इस घोषणा को बाद में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में लागू भी की। अब कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में भी ओपीएस लागू करने का वादा कर दिया है।

कर्नाटक चुनाव में गृहणियों को सहायता राशि का वादा

कर्नाटक चुनावों के दौरान प्रियंका गांधी ने एक सभा में वादा किया कि कांग्रेस सरकार बनने पर सभी गृहणियों को 2000 रुपए प्रतिमाह की सहायता राशि दी जाएगी। सरकार बनने पर वहां यह राशि दी जानी शुरू हो गई है। अब यही वादा कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में भी किया है। मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार ने इसकी काट में पहले ही लाडली बहना योजना शुरू कर प्रत्येक महिला को 1500 रुपए प्रतिमाह की सहायता राशि देना शुरू कर दिया है।

युवाओं और महिलाओं में प्रियंका के प्रति आकर्षण

युवा और महिला मतदाताओं के बीच प्रियंका को लेकर आकर्षण एक और बड़ा कारण है, जिसके चलते कांग्रेस चाहती है कि राजस्थान में विभिन्न स्थानों पर सभाएं कर मतदाताओं को जोड़ें। कांग्रेस विभिन्न महिला संगठनों और सामाजिक संगठनों को प्रियंका की सभाओं में बुलाने सहित उनसे जुड़ी महिलाओं की उनसे मुलाकात कराने की योजना भी बना रही है।

राजस्थान में करीब 5 करोड़ 26 लाख मतदाता हैं, जिनमें से 2 करोड़ 21 लाख महिलाएं हैं। ऐसे में कांग्रेस इस मतदाता समूह को किसी भी तरह से अपने पक्ष में लाने के प्रयास में जुटी हुई है।

पायलट को मनाने में भी प्रियंका की रही खास भूमिका

सचिन पायलट ने इसी वर्ष अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन किया था और आरपीएससी (अजमेर) से जयपुर के बीच जनसंघर्ष यात्रा निकाली थी। उन्होंने कई सभाएं भी की थी, जहां उन्होंने पेपरलीक जैसे मामलों पर कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा किया था। तब प्रियंका गांधी ने ही सचिन पायलट को कांग्रेस के पक्ष में समझाने और उन्हें पार्टी के साथ जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बाद न केवल सचिन पायलट को कांग्रेस की शीर्ष संस्था कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) में सदस्य बनाया गया, बल्कि अब तक घोषित टिकटों में उनके किसी भी समर्थक का टिकट भी नहीं काटा गया। निवाई, दौसा और झुंझुनूं में प्रियंका की सभाओं में पायलट की खास भूमिका रही है।

राजस्थान में भी सहायता राशि की घोषणा हो सकती है

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि जल्द ही राजस्थान में कांग्रेस अपने चुनाव घोषणा पत्र में गृहणियों को मासिक सहायता राशि को शामिल करेगी।

चुनाव घोषणा पत्र समिति इस पर विचार कर रही है। इसके आर्थिक पक्ष का आंकलन किया जा रहा है। चुनाव घोषणा पत्र जल्द ही प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जारी किया जाएगा।

कांग्रेस ने हाल ही तेलंगाना चुनावों में भी इस बारे में तय की है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि राजस्थान में भी वादा किया जाना तय है।

जल्द होंगी राहुल, प्रियंका और खड़गे की सभाएं

पीएम मोदी ने पिछले एक वर्ष में राजस्थान में करीब 10 स्थानों पर सभाएं कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की। पार्टी चुनाव भी उनके चेहरे और केंद्र की योजनाओं को आधार बनाकर ही लड़ रही है। ऐसे में अब कांग्रेस भी जल्द ही राजस्थान में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सभाएं कराने की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि सबसे ज्यादा सभाएं प्रियंका की होनी हैं। उनकी दौसा और निवाई की सभाओं में उमड़ी भीड़ ने कांग्रेस को आश्वस्त कर दिया है।