हनुमानगढ़ - विश्वाश कुमार 

रयान कॉलेज फॉर हॉयर एजुकेशन में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के तत्वाधान 19 वीं अंतर महाविद्यालय नेटबॉल (महिला वर्ग) प्रतियोगिता का आगाज रविवार को समारोहपूर्वक हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती अनुपमा विजय, मजिस्ट्रेट, किशोर न्याय बोर्ड, हनुमानगढ़, विशिष्ट अतिथि अर्जुन अवार्ड विजेता श्री संदीप मान व ताइक्वांडो के भारतीय कोच श्री हरीश टोकस रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी एवं एडवोकेट श्री बनवारी लाल पारीक ने की। प्रतियोगिता की शुरूआत अतिथियों द्वारा खिलाड़ियों का परिचय लेकर की गई। कार्यक्रम संयोजक सतपाल स्याग ने बताया कि जिले में सर्वाधिक टूर्नामेंट करवाने का सौभाग्य रयान कॉलेज को मिलता रहा है। इस वर्ष महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय द्वारा छः प्रतियोगिताएं करवाने की जिम्मेदारी महाविद्यालय को दी गई है। उन्होंने बताया कि उक्त नेटबॉल प्रतियोगिता में सात महाविद्यालय की टीमों ने उत्साह से भाग लिया। आयोजन सचिव गगनदीप कौर ने बताया कि इस प्रतियोगिता में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के मनोनीत अध्यक्ष श्री धर्मवीर सिंह तथा पर्यवेक्षक श्री हितेंद्र मारू मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्रीमती अनुपमा विजय ने कहा कि खेल हमारे जीवन का आवश्यक हिस्सा है। हमारे शरीर और दिमाग को विकसित करने के लिए खेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह हमारे शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास में भी मदद करते हैं। लगातार पढ़ाई के दौरान कई बार तनाव की स्थिति होती है। ऐसी स्थिति में खेल इस तनाव को दूर करने का बेहतर माध्यम है। हमारे देश में खेलों को उतनी प्राथमिकता नहीं मिलती, जितनी शिक्षा को दी जाती है। जिस तरह दिमाग के सही विकास के लिए शिक्षा जरूरी है, उसी तरह शारीरिक विकास के लिए खेल महत्वपूर्ण हैं। केवल शिक्षा के माध्यम से हम टीम भावना नहीं सीख सकते। अर्जुन अवॉर्डी संदीप मान ने मंच को संबोधित करते हुए कहा कि खेल हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। यह शारीरिक विकास के लिए तो आवश्यक है ही, साथ ही कैरियर निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। कार्यक्रम अतिथियों द्वारा समस्त टीम प्रभारियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इसके पश्चात महाविद्यालय निदेशक करणवीर चौधरी, प्राचार्य डॉ. सतोष राजपुरोहित, उप-प्राचार्य अनिल शर्मा, सुमीना यादव, गगनदीप कौर द्वारा अतिथियों का स्मृति चिह्न देकर धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर सहायक आचार्य रोहताश शर्मा, केवल कृष्ण, अवतार सिंह आदि मौजूद थे।