नेटथियेट कार्यक्रमों की श्रंखला में आज परंपरा नाट्य समिति द्वारा डा.रामकुमार वर्मा द्वारा लिखित एवं वरिष्ठ रंगकर्मी दिलीप भट्ट द्वारा निर्देशित नाटक बलकरण की प्रभावी प्रस्तुति ने दर्शकों पर अमिट छाप छोडी।
नेट थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि लघु नाटक बलकरण ने यह संदेश दिया कि इंसान साहस, वीर, निडर और धैर्य रखने वाला हो तो किसी भी इंसान को झुकने पर मजबूर करता है और वो सफलता के पायदान पर चढता चला जाता है।
कथा सार -
वीर साहस छोडते नही, अपनी मातृ भुमि की रक्षा करते करते अपना सबकुछ न्यौछावर कर देतें है। ऐसे ही वीर साहसी बलकरण की यह कहानी है, बालक होने के साथ-साथ उसमे धैर्य, साहस, चतुरता, वीरता, संयम कूट-कूट कर भरे हुये थे। तैमूरलंग एक खूंखार, अत्याचारी, आतंक फैलाने वाला था, जिसने भारत को लूट कर कंगाल करना चाहा उसकी इस मंशा को बलवान बालक वीर बलकरण ने उसके इस सपने को चूर चूर कर दिया।
नाटक में पारस महावर, सचिन भट्ट, ममता बगड़ाई, हर्ष भट्ट, शुभम महावर, सुमित सीलन, रोहित यादव और अजय राज ने अपने पात्रों को जीवन्तता से जी कर नाटक की प्रस्तुति को रोचक बनाया नाटक वेशभूषा विजय लक्ष्मी ने की। कैमरा मनोज स्वामी, प्रकाश संयोजन दिलीप भट्ट का रहा।
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